New Delhi: कांग्रेस 5 जनवरी को यूपीए-काल के ग्रामीण रोजगार कानून मनरेगा को खत्म करने के विरोध में एक अभियान शुरू करेगी। शनिवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चेतावनी दी कि लोग गुस्से में हैं और नरेंद्र मोदी सरकार को इस कदम के नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
20 साल पुराने मनरेगा की जगह लेने वाला विकसित भारत-जी राम-जी विधेयक, हाल के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच संसद से पास हो गया था। नए कानून में ग्रामीण मजदूरों के लिए 125 दिनों के रोजगार का प्रावधान है। शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारिणी समति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खरगे ने कहा कि पार्टी पूरे देश में 'मनरेगा बचाओ अभियान' की अगुवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं है, बल्कि संविधान द्वारा दिया गया 'काम का अधिकार' है। उन्होंने कहा, "लोग मनरेगा को खत्म करने से नाराज हैं, सरकार को इसके नतीजे भुगतने होंगे।" खरगे ने कहा, "सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने कसम खाई कि मनरेगा को केंद्र में रखकर एक अभियान शुरू किया जाएगा। कांग्रेस इसकी अगुवाई करेगी और 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करेगी।"
कांग्रेस प्रमुख ने विकसित भारत-जी राम-जी अधिनियम के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लागत साझा करने वाली धारा का जिक्र किया और कहा कि राज्यों पर खर्च का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और इसे बिना सलाह-मशविरा किए लिया गया एकतरफा फैसला बताया। उन्होंने कहा, "यह कानून गरीबों को कुचलने के लिए लाया गया है, हम इसके खिलाफ सड़कों पर और संसद में लड़ेंगे।"