मेरठ में 94 साल का बुजुर्ग पुलिस की चौखट पर फूट फूटकर रोया। कपकपाते हाथों से लाठी का सहारा लेकर किसी तरह बुजुर्ग साहब के पास अपना दर्द लेकर पहुंचा। कप्तान दफ्तर में तैनात सिपाहियों ने बुजुर्ग को कुर्सी पर बैठाया। बुजुर्ग हाथों में एक कागज का टुकड़ा था, जिस पर वो अपनी फरियाद लेकर आया था। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बुजुर्ग से उसकी एप्लीकेशन ली। कागज पर चंद लाइनें हाथ से लिखी हुई थी। जिसमें वृद्ध ने अपने बेटे, बहू की बेकद्रियों का जिक्र किया था। बूढ़ी अंगुलियां शिकायत में केवल 7 लाइनें ही लिख पाई थीं। लेकिन बुजुर्ग पिता का दिल दर्द से भरा पड़ा था। वो दर्द, लाचारी बार-बार आंसू बनकर बह रही थी। उसने सिर्फ यही कहा कि बहू, बेटे ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा, साहब आज अपने ही बेटे की शिकायत लेकर आया हूं।
आपको बता दे भावनपुर निवासी 94 साल के आबिद हुसैन अपने बेटे तालिब, बहू की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे। आबिद ने पुलिसवालों को एप्लीकेशन थमाते हुए कहा कि बहू, बेटों ने कहीं का नहीं छोड़ा। बेटा खुद मेरा ख्याल नहीं रखता। मेरे पास जो सहारा है वो भी छीन लिया।
मीडिया से बात करते हुए बुजुर्ग ने बताया कि बेटा, बहू ने उसके पास रखे 4 लाख रुपए जबरन छीन लिए। मैं उन्हें रोकता रहा, चिल्लाता रहा लेकिन बूढ़ा बदन उनका सामना कैसे करता। बहू, बेटे ने मुझे मारपीट कर मेरे पैसे छीन लिए। बेटा खुद मुझे खर्चा देता नहीं है। बताया कि दिल्ली में मेरा एक मकान है उस मकान से हर महीने किराया आता है। बेटा-बहू ने किराएदार को फोन कर किराए के बकाया 33 लाख रुपए भी अपने पास मंगा लिए और हड़प लिए हैं।
जब मैंने किराएदार से पैसे मांगे तो उसने बताया कि वो रकम तो पहले ही बेटा, बहू ले चुके हैं। आबिद ने कहा कि मेरे पास अब कुछ नहीं बचा। न जेब में एक भी रुपया है न रहने को घर, मकान है। जिस बेटे को मैंने हाथों से पाला आज उसी बेटे की शिकायत करने आया हूं। उससे अपने लिए न्याय चाहता हूं।