उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंगलवार को बीकेयू यानी भारतीय किसान यूनियन के नेता, उनके बेटे और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों की सभी मांगें मान ली हैं। डीएम रवींद्र सिंह ने कहा, "मृतकों के परिजनों ने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वे पुलिस से सुरक्षा चाहते हैं, सरकारी नौकरी चाहते हैं और मुआवजा चाहते हैं। प्रशासन ये सब मुहैया कराने के लिए काम कर रहा है। इस मामले में कुछ आरोपियों ने जमीन के एक टुकड़े पर अवैध कब्जा कर रखा था। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।"
वहीं बीकेयू यूपी प्रभारी अनुज सिंह ने कहा, "परिवार के सदस्यों और संगठन की कुछ मांगें थीं, जिन्हें प्रशासन ने मान लिया है। इसमें परिवार को सुरक्षा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये का मुआवजा और मामले की जांच एसआईटी को सौंपने की बात पर भी प्रशासन राजी हो गया है।"
फतेहपुर जिले में ट्रिपल हत्याकांड के दो आरोपी बुधवार को खागा इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगने से घायल हो गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) धवल जायसवाल ने बताया कि खागा में पुलिस चौकी पर पुलिस दल पर फायरिंग करने के बाद 36 साल का पीयूष सिंह और 38 साल के सज्जन सिंह को गोली लग गई।
पीयूष और सज्जन काले रंग की एसयूवी (स्कॉर्पियो) में सवार थे, तभी उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की। एसपी ने बताया कि जवाबी फायरिंग में वे घायल हो गए और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले इस हत्याकांड के कुछ ही घंटों के अंदर पुलिस ने सुरेश कुमार (55) और उनके बेटे भूपिंदर सिंह (32) को गिरफ्तार कर लिया था।
फतेहपुर के अखरी गांव में मंगलवार को उस समय दहशत फैल गई, जब भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के एक नेता, उनके बेटे और उनके भाई की सड़क जाम करने को लेकर हुए विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान बीकेयू के जिला अध्यक्ष 50 साल के पप्पू सिंह, उनके 22 साल के बेटे अभय सिंह और उनके 45 साल के छोटे भाई पिंकू सिंह (45) के रूप में हुई है।