उत्तराखंड के रामनगर और कालाढूंगी के पास के घने जंगलों में एक खास किस्म का पेड पाया जाता है। इस पेड़ को 'हंसने वाला पेड़' भी कहा जाता है। यहां के लोग इसे थनैला कहते हैं। उनके मुताबिक जब इस पेड के तने को छुआ जाता है तो इसकी टहनियां हिलने लगती हैं।
वन अधिकारियों के मुताबिक ये पेड़ औषधीय अहमियत भी रखता है क्योंकि इसकी पत्तियों का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। यहां आने वाले सैलानी भी इस किस्म के पेड़ को देखने यहां खूब आते हैं। इस किस्म के पेड़ों को पहचानने के लिए वन विभाग ने यहां नेचर गाइडों को ट्रेंड किया है। हंसने वाले इस पेड को हिंदी में मदन फल भी कहा जाता है। ये पेड़ ज्यादातर 300 से 1,300 मीटर की ऊंचाई वाले जंगलों में पाया जाता है।