Haryana: हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तीखी बहस देखने को मिली। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अविश्वास प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रस्ताव से जुड़े दस्तावेजों पर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर नहीं थे।
उन्होंने कहा, “मैंने अविश्वास प्रस्ताव को ध्यान से पढ़ा, लेकिन उस पर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर नहीं मिले।” मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने विरोध जताया। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि उन्हें ऐसा लगा कि कांग्रेस को अपने ही नेता पर भरोसा नहीं है।
इस पर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री के बयान को “बेकार” करार दिया। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच सदन में तीखी नोकझोंक हुई। इससे पहले, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
कांग्रेस ने पहले ही घोषणा की थी कि वे शीतकालीन सत्र में बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। हुड्डा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने हरियाणा में “वोटों की चोरी” करके सरकार बनाई है।
बीजेपी लगातार तीसरी बार हरियाणा में सत्ता में है। 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 48 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 37 विधायक हैं। आईएनएलडी के पास दो सीटें हैं और तीन निर्दलीय विधायक बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं।
पिछले साल फरवरी में भी कांग्रेस तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी जिसे ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया था। ये खट्टर सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान लाया गया दूसरा अविश्वास प्रस्ताव था।