Chhattisgarh: लाल आतंक के घने बादल अब छंट चुके हैं और बस्तर में अब विकास का नया सवेरा हो रहा है। कभी लाल सलाम की गूंज से कांपने वाला बस्तर, अब बच्चों की हंसी, स्कूल की घंटी और विकास की आवाज से गूंज रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार, विकास में बाधक नक्सलवाद की चट्टान को तोड़कर विकास की राह बना रही है।
रोड और रेल कनेक्टिविटी बेहतर होने के साथ - साथ बिजली-पानी जैसी दूसरी मूलभूत सुविधाएं बस्तर में पहुंच रही हैं। 'नियद नेल्लानार' योजना यानी 'आपका अच्छा गांव' योजना से छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल प्रभावित ज़िलों का समग्र विकास कर रही है। इस योजना के तहत 17 विभागों की 53 जनकल्याणकारी योजना और 28 सामुदायिक योजनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। योजना के माध्यम से आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, पीएम आवास, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी कल्याणकारी योजनाएं भी शामिल की गई हैं। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांवों तक लोकतंत्र और विकास की किरणें पहुंच रही हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति का ही नतीजा है कि नक्सलियों की नर्सरी माने जाने वाले पूवर्ती में गुरुकुल स्कूल संचालित हो रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के लिए फील्ड अस्पताल बनाया गया है। तो वहीं सुकमा में करीब 25 साल बाद बैंकों की रौनक बढ़ी है। बड़ी संख्या में लोग यहां आकर खाता खुलवा रहे हैं और दूसरे काम करवा रहे हैं। बस्तर में परिस्थितियां और लोगों की सोच दोनों बदल रही है, जो क्षेत्र एक समय नक्सल हिंसा, अपहरण, बारूदी सुरंगों और बंदूकों के लिए जाना जाता था, वह अब उम्मीदों और उजाले की हकीकत बन गया है।