कहते हैं कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं, लेकिन सिनू के लिए ये केरल की बस में तय हुई। कन्नूर के श्रीकांतपुरम के निवासी सिनू पिछले दस सालों से केरल राज्य सड़क परिवहन की बस चला रहे हैं। इसी दौरान एक सफर में उन्हें अपनी हमसफर मिल गई, जब उनकी मुलाकात कासरगोड के परप्पा की एक शिक्षिका सुनंदा से हुई। सुनंदा अमूमन रोजाना उनकी बस से यात्रा करती थीं।
वक्त के साथ उनकी दोस्ती गहरी होती गई, प्यार परवान चढ़ने लगा और बात शादी तक पहुंच गई। बस के वे दूसरे मुसाफिर जो सालों से उनकी प्रेम कहानी के बारे में जानते थे, उनकी शादी को कुछ खास बनाना चाहते थे। उन्होंने केएसआरटीसी से दरख्वास्त की कि उनकी शादी के लिए वो बस इस्तेमाल हो, जिसमें उनका प्यार पनपा। ऐसे में केएसआरटीसी ने भी खुशी-खुशी हां कर दी।
बस फिर क्या था बस को सजाया गया और श्रीकांतपुरम सामुदायिक हॉल ले जाया गया। इसमें दूल्हे के साथ उसके दोस्त और नियमित यात्री भी सवार थे। शादी के बाद, सिनू फिर से बतौर ड्राइवर अपने काम पर लौट आए। अब सिनू की बस में उनके यात्री ही नहीं, बल्कि उनकी जीवनसाथी भी मौजूद रहती हैं।