Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई जिलों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़कों, घरों और बिजली-पानी की सुविधाओं को गंभीर नुकसान हुआ है। सोलन जिले के मानपुरा में ढेला पंचायत और इंडस्ट्रीज क्षेत्र को जोड़ने वाला पुल बारिश के दौरान टूट गया। इससे इस मार्ग से यात्रा करने वाले उद्यमियों और कामगारों को अब लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है। राज्य में बुधवार शाम तक 537 सड़कें और चार नेशनल हाईवे बंद रहे। 635 बिजली ट्रांसफार्मर और 266 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
भारी बारिश के कारण कई स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद रहे। शिमला, ठियोग, चौपाल, कुमारसैन, सिरमौर, आनी और निरमंड में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का फैसला किया गया। प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और किसी भी आपात स्थिति में अधिकारियों से संपर्क करने की अपील की है।
निरमंड के उर्टू में बादल फटने से आई बाढ़ में पांच घर हानि पहुँचाई और कई अन्य घर, गाड़ियाँ और गोशालाएँ भी प्रभावित हुईं। सेब के बगीचों और फलदार पौधों को भी नुकसान हुआ। कालका-शिमला हाईवे पर चक्कीमोड़ के पास भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क अवरुद्ध हो गई। शिमला शहर में भी जगह-जगह भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएँ हुईं, लेकिन बड़े हादसे टल गए।
चंबा जिले की बघेईगढ़ पंचायत में भी पहाड़ी दरकने से भूस्खलन हुआ, लेकिन बड़ी चट्टान के रास्ता बदलने से जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। 12 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। इस मानसून में अब तक 2,084 घर और दुकानों को नुकसान हुआ है। 1,570 पालतू पशुओं की मौत हुई है। बारिश और भूस्खलन से कुल नुकसान का आंकड़ा लगभग 1,90,550 लाख रुपये है।
मंडी-कुल्लू हाईवे और बड़सर-पीपलू मार्ग पर भूस्खलन और सड़क धंसने से यातायात बाधित हुआ। लोगों को लंबा चक्कर लगाकर अपने गंतव्य तक जाना पड़ा। प्रशासन और पुलिस राहत और मार्ग खोलने का काम कर रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 12 अगस्त तक राज्य में बारिश जारी रहेगी। कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है।