Varanasi: पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना के साथ पिंडदान, तर्पण समेत कई अनुष्ठान करते हैं, तीर्थ नगरियों में ये अनुष्ठान करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
हालांकि दौड़ती-भागती जिंदगी और वक्त की कमी की वजह से हर किसी के लिए इन खास तीर्थस्थलों पर पहुंचना संभव नहीं दिखता। ऐसे में श्राद्ध की ऑनलाइन बुकिंग का चलन बढ़ रहा है। इसके जरिए लोग पुजारी बुक कर निर्धारित समय पर ऑनलाइन अनुष्ठान कर सकते हैं और अपने पूर्वजों से जुड़ी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं।
ऑनलाइन श्राद्ध का ये सिलसिला कुछ साल पहले शुरु हुआ है। हालांकि अब वाराणसी जैसे शहरों में ऑनलाइन श्राद्ध कर्म और पिंडदान के लिए लोग लगातार पुजारियों से संपर्क करने लगे हैं।
जो श्रद्धालु पितृ पक्ष में व्यक्तिगत रूप से वाराणसी नहीं आ सकते, उनके पितरों के लिए पुजारियों के समूह श्राद्ध कर्म करते हैं। इस दौरान श्रद्धालु वीडियो कॉल के जरिए जुड़े रहते हैं।
ऑनलाइन सेवा से लोगों को भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ती और उनके समय की भी बचत होती है, ऑनलाइन सुविधा से श्रद्धालु न सिर्फ अपने पवित्र कर्तव्य को निभा पा रहे हैं बल्कि उन्हें अनुष्ठानों के लिए पुजारियों से सही मार्गदर्शन भी मिल रहा है।
पुरोहित सत्यम ने बताया कि “लोग जो बहुत दूर हैं जो यहां पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, या भीड़ के कारण ट्रेनों में या किसी कारण वश नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो उनको वीडियो कॉलिंग के माध्यम से प्रतिनिधि यजमान बनाते हैं हम यहां पर, उनके नाम और गौत्र का संकल्प करते हैं, उनका नाम गौत्र, उनकी प्रतिनिधि में एक ब्रह्मण को बैठाते हैं और उसके बाद में उस पूजन को संपन्न कराते हैं, उसका फल प्रतिनिधि के रूप में एक ब्रह्माण करता है लेकिन उनका फल यजमान को ही मिलता है।”
हम लोग तो रोज कम से कम सात-आठ लोगों को वीडियो कॉलिंग करते हैं, रोज 15 दिन में ऐसा कोई दिन बाकी नहीं है जो एक दिन सात-आठ लोगों का पिंड न करे वीडियो कॉलिंग के द्वारा।”
इसके साथ ही पुरोहित मोहित उपाध्याय ने बताया कि “इसका देखिए, जो है जैसा कि हमारा ऑफ लाइन होता है, वैसे ही हमारा ऑनलाइन होता है। जो लोग असमर्थ हैं आने में देश के कोने-कोने से लोग ऑनलाइन आज कल संपर्क कर रहे हैं असमर्थ हैं और कुछ लोग विदेशों में भी रहते हैं, जो लोग आने में असमर्थ हैं. उन लोगों को वीडियो कॉल के माध्यम से हमें सुविधा पहुंचाते हैं कि यहां पर जो पूजन कराई जाती है, वो लोग डायरेक्ट ऑनलाइन देख सकते हैं, उसका फल प्राप्त कर सकते हैं।
अभी तक करीबन हमने 10 से 12 दिन में करीबन 50 हजार लोगों का पिंड दान कराया जो एक दिन में कम से कम एक हजार लोगों का कराते हैं, ऑनलाइन संकल्प सहित और ऑनलाइन आप देखते रहिए यहां आपका जो है पूजा चलता रहेगा, बराबर।”