सीरिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में सशस्त्र बलों और हयात तहरीर अल-शाम आतंकवादी समूह के बीच जारी भीषण संघर्ष के चलते उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों से 2,80,000 से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं। इस मानवीय संकट ने वर्षों से पीड़ित जनता की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, युद्धग्रस्त क्षेत्रों से 2,80,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। जिसके कारण सालों से चली आ रही समस्या और बढ़ गई है।
डब्ल्यूएफपी अब उन परिवारों को भोजन मुहैया करा रहा है, लेकिन बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए तत्काल सहायता की आवश्यकता है। डब्ल्यूएफपी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में मदद की अपील की है।
सीरिया में 2011 से चल रहे सशस्त्र संघर्ष ने हाल ही में एक नया मोड़ लिया है। हयात तहरीर अल-शाम आतंकवादी समूह, जिसे पहले नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था, ने 29 नवंबर को सीरियाई सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया। यह अभियान इदलिब के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के उत्तर से शुरू होकर अलेप्पो और हामा शहरों की ओर बढ़ा।
सीरिया में क्षेत्रीय व अन्तरराष्ट्रीय शक्तियों का दखल रहा है और सुरक्षा परिषद व वैश्विक समुदाय द्वारा हिंसक टकराव पर विराम लगाने की कोशिशें विफल साबित हुई हैं. सीरिया में गृहयुद्ध में अब तक लाखों लोगों की जान गई है और बड़ी संख्या में लोगों को सरकारी जेलों में बंदी बनाकर रखा गया है।
सीरियाई सेना कमान ने एक दिसंबर को घोषणा की कि हामा क्षेत्र में आतंकवादियों को बढ़ने से रोक दिया गया है। वहीं, सरकारी बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों से कई बस्तियों का नियंत्रण अपने पास वापस ले लिया है।
अचानक हिंसक टकराव भड़कने के बाद, तुर्कीये और सीरिया की सीमा पर स्थित तीनों चौकियों के जरिए मानवीय सहायता को पहुंचाने का काम जारी है। देश के दूसरे शहर अलेप्पो तक सहायता पहुंच रही है। सीरिया में लाखों लोग युद्ध की छाया में संकट भरे हालात का सामना कर रहे हैं। वहीं, देश की अर्थव्यवस्था और आम नागरिकों की आजीविकाएँ तबाह हो गई हैं।
सीरिया में 13 या 14 वर्ष के हिंसक टकराव के बाद, हालात फिलहाल दरकने के कगार पर पहुंच रहे हैं। 30 लाख से अधिक सीरियाई, गंभीर खाद्य असुरक्षा का शिकार हैं और पर्याप्त भोजन उनके तक नहीं पहुंच रहा है। हाल के दिनों में भड़की लड़ाई से पहले भी सीरिया में 1.29 करोड़ लोगों को खाद्य सहायता की आवश्यकता थी। अंतरराष्ट्रीय संगठनों और देशों से इस संकट को हल करने के लिए 4.1 अरब डॉलर की मानवतावादी अपील की गई थी, मगर इस राशि की तुलना में एक-तिहाई से भी कम सहायता मिल पाई है।