लंदन में 70 साल पुराना ऐतिहासिक 'इंडिया क्लब' स्थायी रुप से बंद हो गया है। इस क्लब का संबंध भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से था। इस क्लब की दीवारों पर भारतीयों की तस्वीरें लगी हैं। लंदन क्लब में 1930 से 1940 के दशक में अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए राष्ट्रवादी नेताओं का जमावड़ा लगता था. क्लब की स्थापना कृष्ण मेनन ने की थी जो ब्रिटेन में स्वतंत्र भारत के पहले उच्चायुक्त थे।
पारसी मूल के मार्कर 1997 से क्लब को बर्बादी से बचाने के बाद से अपने परिवार के साथ इसे चला रहे थे। मार्कर परिवार ने 'सेव इंडिया क्लब' अपील से शुरुआती लड़ाई जीत ली थी। लेकिन जिंदगी के लिए जरूरी खर्च और तेजी से बढ़े किराए के सामने मार्कर फैमिली हार गई। क्लब की प्रबंधक फिरोजा मार्कर ने कहा, "जब से लोगों को पता चला कि हम 17 सितंबर को इसे बंद कर रहे हैं, वे पूरी तरह से सदमे में हैं.''
मध्य लंदन में भारत की याद दिलाने वाले इस छोटे से क्लब से जुड़ी बहुत सी यादें हैं। पहले सैकड़ों पर्यटक रोजाना इस क्लब में आकर यहां के पकवानों का मजा लेते थे लेकिन अब यह क्लब और वो स्वाद इतिहास बन चुका है।
दरअसल, भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए ब्रिटेन में इंडिया लीग नामक एक संगठन बनाया गया था. लीग की स्थापना 1928 में कृष्ण मेनन ने की थी. ऐसे में इंडिया लीग ब्रिटेन की सभी बैठकें लंदन के इंडिया क्लब में की जाती थीं. यही वजह है कि इस क्लब से भारतीयों की कई सुनहरी यादें जुड़ी हुई हैं.