इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आईएमएफ एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने मंगलवार को पीटीआई वीडियो से खास बातचीत में कहा, "भारत को दुनिया की सबसे बड़ी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था माना जाता है।
हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर सात प्रतिशत रहेगी, जो कि ग्रामीण खपत में सुधार से समर्थित है क्योंकि अनुकूल फसलें हुई हैं। खाद्य पदार्थों की कीमतें सामान्य होने से कुछ अस्थिरता के बावजूद, वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.4 फीसदी होने की उम्मीद है।"
उन्होंने कहा, "चुनाव के बाद सुधार की प्राथमिकताएं तीन सेक्टरों में होनी चाहिए। एक तो भारत में नौकरियां पैदा करने का मुद्दा है। उस मामले में मुझे लगता है कि श्रम संहिताओं को लागू करना, जिन्हें 2019-2020 में मंजूरी दी गई थी, महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देते हुए श्रम बाजारों को लचीला बनाने की मंजूरी देंगे।"
भारत में रेडटेप के कुछ उदाहरण शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ निवेशकों को लगता है कि भारतीय बाजार में एंट्री करना, किसी तरह निवेश स्थापित करना, बड़े निवेश के लिए जमीन हासिल करना एक समस्या हो सकती है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की भागीदारी और जनसंख्या के तुलना में रोजगार बढ़ रहा है। श्रीनिवासन ने उदाहरण के तौर पर बताया कि श्रम बाजार में भागीदारी और रोजगार के लिए जनसंख्या 56.4 फीसदी से लगभग 53.7 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि सुधार स्व-रोजगार श्रमिकों पर केंद्रित है। श्रीनिवासन ने कहा, "समस्या ये है कि जिस तरह की नौकरियां पैदा हो रही हैं, वे सबसे अच्छी नौकरियां नहीं हैं। महिलाओं की भागीदारी फिर से निचले स्तर पर है। हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि महिलाओं की श्रम शक्ति में भागीदारी कम है और युवा बेरोजगारी काफी ज्यादा है।"