भारतीय और फ्रांसीसी नौसेनाओं का 23वां संयुक्त वरुण अभ्यास वरुण शनिवार को संपन्न हो गया। इसके बाद फ्रांसीसी विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल और आईएनएस विक्रांत ने गोवा तट से करीब 80 समुद्री मील दूर समीक्षा की। दोनों नौसेनाओं ने सतह के नीचे और सतह के ऊपर युद्ध क्षेत्र में काम किया। संयुक्त अभ्यास में भारतीय पनडुब्बियों के अलावा मिग29के और राफेल जैसे विमान शामिल हुए। फ्रांसीसी विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल और आईएनएस विक्रांत ने शाम चार बजे बेड़े की समीक्षा की। अभ्यास खत्म होने से पहले दोनों नौसेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने डीब्रीफिंग की।
चार्ल्स डी गॉल के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन जॉर्जेस एंटोनी फ्लोरेंटिन और फ्रांसीसी स्ट्राइक ग्रुप के प्रमुख रियर एडमिरल जैक्स मैलार्ड ने विमानवाहक पोत पर बताया कि इसका मकसद अंतर-संचालन क्षमता में सुधार के लिए मिलकर काम करना था। वरुण अभ्यास 19 मार्च को शुरू हुआ था। अभ्यास समुद्र के अंदर, सतह पर और हवाई इलाकों में किया गया। इसमें विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत और चार्ल्स डी गॉल के साथ-साथ लड़ाकू विमान, विध्वंसक, फ्रिगेट और एक भारतीय स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी शामिल थी। उन्नत वायु रक्षा और लड़ाकू अभ्यास किए गए, जिसमें फ्रांसीसी राफेल-एम और भारतीय मिग-29के के बीच हवा में नकली मुकाबला हुआ। ये अभ्यास सामरिक और परिचालन क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया था।
पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यासों ने पानी के अंदर कठोर प्रशिक्षण दिया। समुद्र की सतह पर भारतीय और फ्रांसीसी बेड़े ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया।समुद्री गश्ती विमान ने हालात के अनुरूप जागरूकता को बढ़ाया। चार्ल्स डी गॉल के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन जॉर्जेस एंटोनी फ्लोरेंटिन ने पोत पर जहाज पर बताया कि उन्होंने एक युवा अधिकारी के रूप में वरुण वन में भाग लिया था।
उन्होंने कहा, "उस समय के मुकाबले चीजें बदल गई हैं। आज हमारे पास अच्छे कॉमरेड्स हैं। हम कई सूचनाएं साझा करते हैं। इसी से मिशन की शुरुआत होती है। जब आपको समुद्र में मिशन करना है तो एक-दूसरे से बातचीत और मिशन का आदान-प्रदान जरूरी है। हम उसी प्रक्रिया का पालन करते हैं। भारत में ऐसा पूरी तरह नहीं होता। फिर भी हम एक-दूसरे से नजदीकी सहयोग करते हैं। मेरे हिसाब से आपके लिए अपने सहयोगी को जानना जरूरी है। इसलिए हम एक-दूसरे के जहाज पर भरोसा कायम करने के लिए कमांडिग अफसर भेजते हैं।"
फ्रांसीसी स्ट्राइक ग्रुप के प्रमुख रियर एडमिरल जैक्स मैलार्ड सातवीं बार ऑपरेशन वरुण में भाग ले रहे थे। उन्होंने कहा, "इस साल हम आईएनएस विक्रांत के साथ काम कर रहे हैं। चार दिन से हम समुद्र के अंदर, सतह के ऊपर भारतीय नौसैनिक जहाजों से सूचना आदान-प्रदान करके, मिग29के और राफेल से संपर्क करते हुए हर लड़ाकू मोर्चे पर काम करते रहे हैं। हम आपसी संपर्क साधन बेहतर करने पर काम कर रहे हैं। वरुण अभ्यास भारत-फ्रेंच नौसेना के संयुक्त मिशन में आपसी संबंध मजबूत करने के लिए है। इस साल पनडुब्बी कार्रवाई में सहयोग किया जा रहा है। इसमें भारतीय पनडुब्बियां जहाजों की मदद से हमला कर रही थीं, और फ्रेंच बचाव कर रहे थे।"
चार्ल्स डी गॉल कैरियर एयर विंग कमांडर कैप्टन गिलौम ने कहा कि भारतीय नौसेना के साथ काम करना बहुत आसान है। चार्ल्स डी गॉल पर विमान रखरखाव विभाग के प्रमुख कैप्टन क्रिस्टोफ ने कहा कि ये अभ्यास दोनों देशों के पायलटों को एक साथ प्रशिक्षण लेने में मदद करता है। साल 2001 में शुरू होने के बाद से ऑपरेशन वरुण सहयोग की बुनियाद के रूप में विकसित हुआ है।
गोवा: भारत फ्रांसीसी नौसेना का 23 वां संयुक्त ऑपरेशन वरुण खत्म
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