New Delhi: अमेरिका के टेक्सस राज्य में अष्टलक्ष्मी मंदिर में भगवान हनुमान की कई फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गई है। यह अमेरिका में बनी तीसरी सबसे ऊँची मूर्ति मानी जा रही है। लेकिन इसके साथ ही विवाद भी खड़ा हो गया है।
रिपब्लिकन पार्टी के सांसद एलेक्जेंडर डंकन ने इस प्रतिमा का विरोध करते हुए सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बयान दिया। उन्होंने इसे "झूठी प्रतिमा" कहा और लिखा कि अमेरिका एक ईसाई राष्ट्र है, यहाँ किसी अन्य भगवान की मूर्ति की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
हिंदू संगठनों ने जताया विरोध
डंकन की पोस्ट सामने आने के बाद अमेरिका में रह रहे हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने रिपब्लिकन पार्टी से मांग की है कि वह इस बयान पर कार्रवाई करे। संगठन ने कहा कि यह टिप्पणी न सिर्फ हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक है बल्कि नफरत फैलाने वाली भी है।
सोशल मीडिया पर बहस
डंकन की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आईं। कई यूजर्स ने लिखा कि कोई भी धर्म दूसरे धर्म को गलत नहीं ठहरा सकता। एक यूजर ने टिप्पणी की कि “वेद ईसा मसीह के जन्म से हजारों साल पहले लिखे गए थे, इन्हें हल्के में लेना आपकी गलती है।”
बढ़ता विवाद
यह विवाद अब राजनीति और धार्मिक असहिष्णुता के मुद्दे से जुड़ गया है। टेक्सस में रह रहे हिंदू समुदाय का कहना है कि अमेरिका समानता और धार्मिक स्वतंत्रता का देश है, ऐसे में किसी सांसद द्वारा इस तरह का बयान देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।