रविवार, 14 अप्रैल 20 अक्टूबर 2024 को मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी. देवी दुर्गा की छठवीं शक्ति मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा. शीघ्र विवाह, वैवाहिक जीवन में खुशहाली और दुश्मनों पर विजय पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक मानी जाती है. मां कात्यायनी पूरे ब्रजमंडल की अधिष्ठदात्री देवी हैं. इनके आशीर्वाद से भक्त को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. आइए जानें चैत्र नवरात्रि के 6वें दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि, उनका प्रिय भोग, रंग और मंत्र.
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के लिए नवरात्रि के समय को सबसे उत्तम और पवित्र माना जाता है. नवरात्रि के इन 9 दिनों में जो भक्त पूरे श्रद्धाभाव से मां के नौ रूपों की पूजा करता है, उसे चारों पुरुषार्थ यानी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल 2024 को हुई थी और नवरात्रि के छठवें दिन यानी रविवार 14 अप्रैल को मां कात्यायनी की पूजा होगी. क्योंकि नवरात्रि का छठवां दिन की अधिष्ठात्री देवी मां कात्यायनी को समर्पित है.