ग्लेशियरों की यात्रा रोमांच जगाने के साथ-साथ प्रकृति से जुड़ने का माध्यम तो होती हैं लेकिन बढ़ते मानव दखल से ग्लेशियर संकट में हैं। ग्लेशियर पीछे की ओर खिसकते जा रहे हैं। पिंडारी ग्लेशियर भी साल-दर-साल पीछे खिसकता जा रहा है। इसको लेकर पर्यावरणविद चिंतित हैं। मशहूर छायाकार पद्मश्री अनूप साह बताते हैं कि 60 साल पहले जहां जीरो प्वाइंट हुआ करता था, अब वहां पर भुरभुरे पहाड़ दिखाई देते हैं। ग्लेशियर आधा किमी से अधिक पीछे जा चुका है।
60 साल में आधा किमी से अधिक पीछे खिसका पिंडारी ग्लेशियर
You may also like

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते अब 'बहुत दूर नहीं', अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने दिया संकेत.

देश की उम्मीदों का भार नीरज चोपड़ा पर, विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक का बचाव करने पर होगी नजर.

Jammu Kashmir: मां वैष्णो की यात्रा रविवार 14 सितंबर से फिर होगी शुरू.

बहराइच में 24 घंटे में भेड़िए के तीन हमलों से ग्रामीणों में दहशत, एक मासूम चली गई जान.
