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संसद ने तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक को मंजूरी दी

संसद ने बुधवार को खनिज तेल उत्खनन के लिए ‘सिंगल परमिट’ प्रणाली लाने और समग्र ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लक्ष्य वाले विधेयक को मंजूरी प्रदान की। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा और फिर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के जवाब के बाद सदन ने ‘तेलक्षेत्र (विनियमन तथा विकास) संशोधन विधेयक, 2024’ को ध्वनिमत से मंजूरी दी। राज्यसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।

चर्चा का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा ‘उपलब्धता, किफायती होने और टिकाऊपन’ पर आधारित है। उनका कहना था, ‘‘हम ऊर्जा की आपूर्ति के स्रोत को लेकर किसी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं। पुरी ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में बहुत अधिक तेल की आपूर्ति हो रही है। ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा से आपूर्ति हो रही है। आपूर्ति की कोई कमी नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किया है, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में वैट की बढ़ोतरी हो रही है।
पुरी ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘पड़ोस में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें भारत के मुकाबले 15 से 20 प्रतिशत तक अधिक हैं। सिर्फ भारत में कीमतों में कमी आई है।’’

इससे, पहले विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए सदन में रखते हुए पुरी ने कहा कि भारत में प्रचुर हाइड्रोकार्बन संसाधन हैं और इस विधेयक के पारित होने के साथ जो ‘इकोसिस्टम’ बनने वाला है, उसमें भविष्य में अंडमान सागर में खनिज उत्खनन में देश को बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि एक समय भारत छोड़ने वाली अनेक कंपनियां अब तेल और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में निवेश के लिए भारत वापस आने और सरकार से साझेदारी की इच्छुक हैं।

पुरी ने विधेयक के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें खनिज तेल उत्खनन के लिए ‘सिंगल परमिट’ प्रणाली लाई जा रही है और समग्र ऊर्जा परियोजनाओं के विकास का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि विधेयक में विदेशी निवेश आकर्षिक करने के प्रावधान भी हैं जो अवसंरचना विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने साफ किया कि इसमें राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं किया जाएगा।