भारत दुनिया का डायबिटीज कैपिटल बनता जा रहा है. इसकी तस्दीक बीमारी से आंकड़े करते हैं. इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR के मुताबिक 2019 में भारत में 7 करोड़ लोगों को डाइबिटीज थी जो 2023 में बढ़कर 10.1 करोड़ से ज्यादा हो गई. बचपन से हम तो यह भी सुनते आए हैं कि यह बीमारी बड़े बुजुर्गों में होती है लेकिन आज दुनिया के सामने यह एक ऐसी बीमारी के तौर पर उभरी है जो बेहद तेज़ी से बच्चों से लेकर युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. अक्सर डायबिटीज की वजहों पर बात होती है तो एक आम धारणा है कि खाने-पीने में गड़बड़ी ही सबसे बड़ी वजह है लेकिन एक रिसर्च कहती है कि ऐसा नहीं है. डायबिटीज होने या न होने का आपकी नींद से भी सीधा कनेक्शन है.