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केरल में तय समय से पहले मानसून की एंट्री, 16 साल बाद बनने जा रहा ये रिकॉर्ड

दक्षिण-पश्चिमी मानसून शनिवार को केरल पहुंच गया जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर इसका सबसे जल्दी आगमन है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ये जानकारी दी। मानसून 2009 में 23 मई को केरल पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिमी मानसून सामान्यतः एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है।

17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिमी भारत से इसकी वापसी शुरू हो जाती है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मानसून दक्षिणी राज्य में पिछले साल 30 मई को, 2023 में आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को, और 2018 में 29 मई को आया था। 

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि केरल में मानसून के जल्दी या देर से आने का मतलब यह नहीं है कि ये देश के अन्य हिस्सों में भी उसी तरह पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता और वैश्विक, क्षेत्रीय एवं स्थानीय कारकों से तय होता है। 

आईएमडी ने अप्रैल में इस साल मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था जिससे अल नीनो की स्थिति की संभावना खारिज हो गई। अल नीनो प्रणाली भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है।