Breaking News

लखनऊ: सचिवालय कर्मचारी ने रेप, ब्लैकमेल और धर्म परिवर्तन के दबाव का आरोप लगाया, केस दर्ज     |   IndiGo पर DGCA की सख्ती, एयरलाइन के अकाउंटेबल मैनेजर को शो-कॉज नोटिस जारी     |   गोवा नाइट क्लब में आग की घटना के बाद पुलिस का एक्शन, मैनेजर को किया अरेस्ट     |   गोवा नाइट क्लब में आग की घटना के बाद पुलिस का एक्शन, मैनेजर को किया अरेस्ट     |   IndiGo की आज 650 उड़ानें रद्द, सिर्फ 1650 फ्लाइट्स का हो रहा संचालन     |  

कोलकाता में विशाल गीता पाठ में लाखों लोगों ने लिया हिस्सा

पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों से साधुओं और साध्वियों समेत लाखों श्रद्धालुओं ने कोलकाता के प्रतिष्ठित ब्रिगेड परेड ग्राउंड में आयोजित विशाल भगवद् गीता पाठ में हिस्सा लिया। भगवा वस्त्र पहने साधुओं ने कार्यक्रम की जगह पर गीता से एक स्वर में श्लोक पढ़े। पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, पूर्व सांसद लॉकेट चटर्जी और विधायक अग्निमित्र पॉल समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ साथ कार्तिक महाराज के नाम से मशहूर स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज और धीरेंद्र शास्त्री सहित तमाम धार्मिक हस्तियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।

'पंच लाखो कोंठे गीता पाठ' (पांच लाख स्वरों द्वारा गीता पाठ) नामक इस कार्यक्रम का आयोजन सनातन संस्कृति संसद की ओर से किया जा रहा है, जो विभिन्न मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों से आए साधुओं और आध्यात्मिक नेताओं का समूह है। आयोजकों ने पांच लाख लोगों के शामिल होने का अनुमान लगाया है, इसलिए भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। विशाल आयोजन स्थल पर तीन बड़े मंच बनाए गए हैं और मध्य कोलकाता में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

आध्यात्मिक अगुवाई गीता मनीषी महामंडल के स्वामी ज्ञानानंदजी महाराज कर रहे हैं, जबकि योग गुरु बाबा रामदेव और कई प्रमुख साधुओं को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया है। ये कार्यक्रम मुर्शिदाबाद में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा 'बाबरी मस्जिद' जैसी एक मस्जिद के शिलान्यास के एक दिन बाद हो रहा है, जो इस बात को साबित कर रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के सार्वजनिक स्थानों में आस्था और पहचान के सवाल कैसे तेजी से एक दूसरे से जुड़ रहे हैं।

ये आयोजन लोकसभा चुनावों से पहले दिसंबर 2023 में ब्रिगेड में आयोजित इसी तरह के 'एक लाख स्वरों' वाले गीता पाठ कार्यक्रम के ठीक दो साल बाद हो रहा है। इस घटना से राजनीतिक विवाद शुरू हो गया था, जिसमें सत्तारूढ़ टीएमसी ने बीजेपी पर ध्रुवीकरण के लिए धर्म का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।