Punjab: कांग्रेस के सीनियर लीडर प्रताप सिंह बाजवा मंगलवार को अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में पुलिस के सामने पेश हुए। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ये कार्रवाई उनके "पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं" वाले बयान को लेकर की गई है। प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने वरिष्ठ नेता का समर्थन किया और राज्य की आम आदमी पार्टी (एएपी) सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वो विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए राज्य पुलिस का दुरुपयोग कर रही है।
पंजाब कांग्रेस के नेता, जिनमें राज्य इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा समेत अन्य पार्टी नेता शामिल थे, बाजवा के साथ मोहाली साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन पहुंचे। केवल बाजवा और उनके वकील को ही अंदर जाने दिया गया, लेकिन नेताओं ने पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दिया और एएपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
बाजवा पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 197(1)(डी) (देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली झूठी और भ्रामक सूचना) और 353(2) (शत्रुता और घृणा या दुर्भावना पैदा करने के इरादे से झूठे बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, कांग्रेस नेताओं ने पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) बाजवा के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना की। इसके साथ ही उन पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ पुलिस का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।
बाजवा ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मान पर निशाना साधा और कहा कि वो डरे हुए नहीं हैं। कांग्रेस का पूरा प्रदेश नेतृत्व बाजवा के समर्थन में सामने आया और उनके खिलाफ एफआईआर की निंदा की। उन्होंने यह भी कहा कि वे बाजवा के साथ खड़े हैं।