New Delhi: भारत ने म्यूजिक के सबसे फेमस ‘ग्रैमी अवॉर्ड्स 2024’ में अपना जलवा बिखेरा। इसमें मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया समेत पांच भारतीय संगीतकारों ने पुरस्कार जीते। हुसैन ने तीन ग्रैमी अवार्ड जीते जबकि राकेश चौरसिया ने दो अवॉर्ड जीते। सिंगर शंकर महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और तालवादक सेल्वागणेश विनायकराम के फ्यूजन संगीत समूह ‘शक्ति’ ने ‘दिस मूमेंट’ के लिए बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एलबम की कैटेगरी में 2024 का ग्रैमी अवॉर्ड जीता।
इस एल्बम में ब्रिटिश गिटार वादक जॉन मैकलॉघलिन के साथ हुसैन, महादेवन, वायलिन वादक गणेश राजगोपालन और तालवादक सेल्वागणेश विनायकराम शामिल हैं। ‘शक्ति’ का 45 से अधिक सालों में पहला स्टूडियो एल्बम ‘दिस मूमेंट’ जून 2023 में रिलीज किया गया था। म्यूजिक फील्ड के सबसे बड़े अवॉर्ड ग्रैमी का आयोजन करने वाली रिकॉर्डिंग एकेडमी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के अपने पेज पर ये घोषणा की। पोस्ट में कहा गया है कि बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एलबम विनर‘दिस मूमेंट’ शक्ति को बधाई।
हुसैन को शक्ति के अलावा ‘पश्तो’ के लिए बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक प्रस्तुति और ‘एज वी स्पीक’ के लिए बेस्ट कंटंप्रोरी इंस्ट्रूमेंटल एलबम (उस समय की बेहतरीन एलबम)का ग्रैमी पुरस्कार भी मिला। बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एलबम परफार्मेंस की कैटेगरी में आठ नामिनेशन थे जिसमें फालू के गाने ‘‘अबन्डंस इन मिलेट्स’’ शामिल था। इस गाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिखाई दिए हैं। महान बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे राकेश चौरसिया ने अमेरिका के बेंजो वादक बेला फ्लेक और अमेरिकी बास वादक एडगर मेयेर के साथ ‘पश्तो’ और ‘एज वी स्पीक’ के लिए दो ग्रैमी पुरस्कार जीते।
हुसैन ने ‘पश्तो’ के लिए पुरस्कार लेते वक्त कहा कि प्रेम और संगीत के बिना हम कुछ भी नहीं हैं। ग्रैमी अवॉर्ड्स में हुसैन की ये पहली जीत नहीं हैं। उन्होंने पहले भी कई कैटेगरी और सिंगल में ग्रैमी पुरस्कार जीता है। महादेवन, राजगोपालन और सेल्वागणेश पुरस्कार लेने के लिए मंच पर आए जबकि मैकलॉघलिन समारोह में शामिल नहीं हुए।
महादेवन ने इस जीत का श्रेय अपनी पत्नी संगीता को देते हुए कहा कि हम आपको याद कर रहे हैं जॉन जी। जाकिर हुसैन, उन्होंने आज एक और ग्रैमी पुरस्कार जीता है। ब्वॉयज, ईश्वर, परिवार, दोस्तों और भारत का शुक्रिया। हमें भारत पर गर्व है। राजगोपालन ने इस पुरस्कार के लिए रिकॉर्डिंग एकेडमी को शुक्रिया कहा।
स्लमडॉग मिलेनियर के लिए 2008 में दो ग्रैमी पुरस्कार जीतने वाले ए. आर. रहमान ने इंस्टाग्राम पर हुसैन, महादेवन और सेल्वागणेश के साथ सेल्फी शेयर की। रहमान ने अपने पोस्ट में कहा कि भारत के लिए ग्रैमी में बरसात हो रही है। ग्रैमी विजेताओं उस्ताद जाकिर हुसैन (तीन ग्रैमी), शंकर महादेवन (पहला ग्रैमी) और सेल्वागणेश (पहला ग्रैमी) को बधाई।
पुरस्कार समारोह में शामिल हुए तीन बार के ग्रैमी विजेता रिकी केज ने 2024 को ग्रैमी में भारत का वर्ष बताया। वो भी समारोह में शामिल हुए। केज ने पिछले साल एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिए अपना तीसरा ग्रैमी पुरस्कार जीता था। उन्होंने कहा कि वाह! ये ग्रैमी में पूरी तरह से भारत का साल है।
सितार वादक रविशंकर 1968 में ग्रैमी पुरस्कार (बेस्ट चैंबर संगीत प्रस्तुति) जीतने वाले भारत के पहले संगीतकार थे। उसके बाद से जुबिन मेहता, अनुष्का शंकर, विश्व मोहन भट्ट, एल शंकर और टी. एच. विनायकराम समेत देश के कई संगीतकारों ने कई कैटेगरी में ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं।
ब्रिटिश गिटारवादक मैकलॉघलिन ने हुसैन, भारतीय वायलिन वादक एल. शंकर और तालवादक टी. एच. विक्कू विनायकराम (सेल्वागणेश विनायकराम के पिता) के साथ मिलकर 1973 में ‘शक्ति’ बनाया था। इस साल के ग्रैमी अवार्ड का आयोजन रविवार की रात को लॉस एंजिलिस में किया गया। अमेरिकी गायिका मारिया कैरी ने ग्रैमी पुरस्कार समारोह का पहला पुरस्कार माइली सायरस को ‘‘फ्लावर्स’’ के लिए सर्वश्रेष्ठ ‘पॉप सोलो’ कैटेगरी में दिया।
दुआ लीपा ने अपनी शानदार प्रस्तुति से प्रोग्राम की शुरुआत की। सर्वश्रेष्ठ रैप का पुरस्कार किलर माइक को दिया गया। इसके बाद माइक ने ‘माइकल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ रैप एल्बम का पुरस्कार भी जीता।