New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग से बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची से बाहर रखे गए 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा। चुनाव आयोग ने शीर्ष अदालत को बताया कि जोड़े गए अधिकांश नाम नए मतदाताओं के हैं और अब तक किसी भी बाहर रखे गए मतदाता द्वारा कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की गई है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग बाहर रखे गए मतदाताओं के बारे में जो भी जानकारी हासिल करेगा, उसे गुरुवार (नौ अक्टूबर) तक पेश करेगा, जब वो एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेंगे।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी के पास मसौदा मतदाता सूची है और अंतिम सूची भी 30 सितंबर को प्रकाशित हो चुकी है, इसलिए तुलनात्मक विश्लेषण के जरिए जरूरी आंकड़े पेश किए जा सकते हैं। न्यायमूर्ति बागची ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा कि अदालती आदेशों के चलते चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और पहुँच बढ़ी है।
पीठ ने कहा कि चूँकि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि मसौदा सूची में शामिल मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए अतिरिक्त नामों की पहचान का खुलासा किया जाना चाहिए।
पीठ ने कहा, "आप हमसे सहमत होंगे कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और पहुँच में सुधार हुआ है। आँकड़ों से ऐसा प्रतीत होता है कि आपकी ओर से प्रकाशित मसौदा सूची में 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए थे, और हमने कहा कि जो भी मृत या स्थानांतरित हो गए हैं, वे ठीक हैं लेकिन यदि आप किसी को हटा रहे हैं, तो कृपया नियम 21 और मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करें।"
न्यायमूर्ति बागची ने कहा, "हमने ये भी कहा कि जो भी नाम हटाए गए हैं, कृपया उनका डेटा अपने निर्वाचन कार्यालयों में उपलब्ध कराएँ। अब अंतिम सूची संख्याओं में वृद्धि प्रतीत होती है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति है कि अतिरिक्त नामों की पहचान क्या है, क्या वे हटाए गए नाम हैं या नए नाम हैं।"
द्विवेदी ने जवाब दिया कि ज़्यादातर नाम नए मतदाताओं के हैं और कुछ पुराने मतदाता भी हैं, जिनके नाम मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद जोड़े गए थे। द्विवेदी ने कहा, "अब तक किसी भी बहिष्कृत मतदाता द्वारा कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की गई है।"
चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गई है, जो चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले 7.89 करोड़ थी।
हालांकि, अंतिम संख्या एक अगस्त को जारी मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं से 17.87 लाख अधिक है। इस सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित कई कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिए गए थे। मसौदा सूची में 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 3.66 लाख नाम हटाए गए हैं, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है।
छह अक्टूबर को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर छह नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि शेष 122 निर्वाचन क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।