दिल्ली की लैंड एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलएंडडीओ) ने रविवार को नॉर्थ दिल्ली के खैबर दर्रे में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ डिमोलिशन अभियान चलाया। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर ये अभियान शनिवार की सुबह के लिए तय था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्योंकि लोगों ने अपना घर खाली नहीं किया था। एलएंडडीओ ने लोगों को घर खाली करने के लिए कहा, जहां वे दशकों से रह रहे थे।
खैबर दर्रे के रहने वाले विवेक ने कहा, "ये अभी तीन दिन पहले यहां पे एल एंड डी से ऑफिसर्स आए थे। उन्होंने शाम को अनाउंसमेंट किया था कि हम आपको 24 घंटे का टाइम दे रहे हैं, आप अपनी शिफ्टिंग कर लीजिए और हम कार्रवाई करेंगे। हमें कल का शनिवार का टाइम दे गए थे।आज सुबह से कार्रवाई शुरू हो गई है,डिमोलिशन की। उनका कहना है कि जमीन डिफेंस की है और इलिगली आप लोगोें ने इंक्रोच कर रखा है। इसलिए डिमोलिश कर रहे हैं।"
वहीं 67 साल के श्याम मोहन ने कहा कि उनका परिवार चार पीढ़ियों से खैबर दर्रै के इस इलाके में रह रहा है। उन्होंने कहा, "मेरा जन्म यहीं पर हुआ है और मैं 67 साल का हूं और मेरे फोर फादर यहां रहे हैं औऱ हमें कम से कम सवा सौ साल हो गए यहां रहते हुए। हमारी ये चौथी पीढ़ी चल रही थी। मेरे भी बेटों के बच्चे भी यहीं रह रहे थे। मेरी लड़कियां भी सब शादीशुदा हैं, यहीं रही हैं। इतने सालों से हमें यहां रहते हुए हो गया लेकिन आजतक हमें एल एंड डी वालों ने ये नहीं कहा कि आपकी लीज खत्म हो गई। यदि इस चीज का पता होता तो हम लीज जमा करा देते। उन्होंने परसों शुक्रवार को आकर अचानक ही कहा कि आप लोग यहां नहीं रह सकते हैं, हम तोड़ेंगे तो हमने पूछा जी क्यों? प्रदर्शन भी करा शुक्रवार को तो इन्होंने हमारे बहनों को, मांओं, बच्चियों को पुलिस पकड़-पकड़ कर बसों में भरकर ले गई। जैसे उन्हें आदेश होगा। वजह ये है कि एल एंड डी ये कहती है कि तुम्हारी लीज खत्म हुए 34 साल हो गए। मगर ये सर 34 साल हो गए तो हमारे बुजुर्गों हमें नहीं बताया तो कम से कम कोई चिट्ठी-पतरी देते, एड्रेस तो परमानेंट थे।"
जब एलएंडडीओ की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया जा रहा था, तो वहां के रहने वाले अपना सामान बाहर निकाल रहे थे। हाई कोर्ट ने 1 मार्च को खैबर दर्रे के इस इलाके में डिमोलिशन का आदेश दिया था।