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केजरीवाल के मामले पर जर्मनी को हस्तक्षेप करना पड़ा भारी, विदेश मंत्रालय ने सुनाई फटकार


शराब घोटाले के आरोप में जब से सीएम केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया है जब से राजधानी दिल्ली के साथ पूरे देश सियासत ने जोर पकड़ लिया। केजरीवाल की गिरफ्तारी से विपक्ष के तेवर गरम है ही लेकिन इसमें कुछ देशों  ने भी दखलअंदाज करने में लगए हुए। जर्मनी ने क्जरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थें। जिसने कहा थी कि हम अपनी नजर बनाए हुए हैं। जिसके भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी फटकार लगाते  हुए कहा कि ये हमारे आंतरिक मामले हैं इन पर कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से लगाई गई फटकार के बाद जर्मनी ने तुरंत यूटर्न ले लिया। साथथ ही भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। 

 बता दें कि सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद जर्मनी ने बयान दिया था कि हम इस पर अपनी नजर बनाए हुए इस मामले कि सुनवाई पारदर्शी और निष्पता की उम्मीद रखता हूं। इस बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने जर्मन दूत को साउथ ब्लाक में बुलाकर समकर खरी खोटी सुनाई। भारत ने इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता कमजोर करने कोशिश की बताई है। जिसके बाद जर्मनी ने बिना देऱ किए अपने बयान से यूर्टन बदल लिया। इसे खुद को बचाव भी कर लिया। 

जिस पर जर्मनी की तरफ से कहा गया कि गोपनीय बातचीत की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि दोनों पक्षों के सहयोग को और गहरा करने में दिलचस्पी दिखाई है। भरतीय  सविधान बुनियादी मानव अधिकार व फ्रीडम की गारंटी देता है। जिसे हम एक रणनीतिक भागीदार  के रूप में  इन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा जरूर कर सकते हैं।