दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को सेशन कोर्ट में एक बीजेपी नेता की तरफ से दायर मानहानि के मामले में उन्हें तलब करने के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की। आतिशी ने आरोप लगाया है कि भगवा पार्टी ने एएपी सरकार गिराने के लिए पार्टी के कई विधायकों से पैसों की पेशकश की थी। मुख्यमंत्री ने एडिशनल सेशन जज विशाल गोगने की कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने उनकी याचिका पर बीजेपी नेता प्रवीण शंकर कपूर को नोटिस जारी किया है।
आतिशी ने 28 मई को मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से जारी आदेश के खिलाफ अपने वकील के जरिए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें बीजेपी प्रवक्ता कपूर की तरफ से दायर आपराधिक मामले में उन्हें तलब किया गया था। इसमें उन पर और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया गया था।
सेशन कोर्ट ने कपूर को सात अक्टूबर तक आतिशी की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। उसी दिन कोर्ट मामले की सुनवाई भी करेगी। मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 28 मई को मामले में केजरीवाल को आरोपित के रूप में तलब करने से इनकार कर दिया था।
बाद में 23 जुलाई को आतिशी को जमानत दे दी गई थी, जब वो समन के तहत कोर्ट में पेश हुई थीं। आतिशी ने कथित तौर पर दावा किया था कि बीजेपी ने 21 एएपी विधायकों से संपर्क किया था और उन सभी को अपने खेमे में शामिल करने के लिए 25 लाख रुपये की पेशकश की थी।
आतिशी पर एएपी विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिशों के बारे में झूठे दावे करने का आरोप लगाते हुए कपूर ने आपराधिक मानहानि की शिकायत के साथ कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने कहा था कि एएपी नेता अपने दावे को सच साबित करने के लिए सबूत पेश नहीं कर सकी हैं।