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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, 'न्याय पत्र' को स्पष्ट करने के लिए मांगा समय

New Delhi: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के 'न्याय पत्र' को स्पष्ट करने के लिए व्यक्तिगत रूप से पीएम से समय मांगा है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को न्याय पत्र कहा है। अपने दो पन्ने के लेटर में उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उनके सलाहकार उन्हें उन चीजों के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं, जो लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में भी नहीं लिखी हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 'न्याय पत्र' का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों और सभी जातियों और समुदायों के हाशिए पर रहने वाले लोगों को न्याय देना है। कांग्रेस प्रमुख ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि संदर्भ से हटकर कुछ शब्दों को पकड़ लेना और समाज में बंटवारा पैदा करना आपकी आदत बन गई है। आप इस तरह से बोलकर कुर्सी की गरिमा कम कर रहे हैं। मुझे आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर हमारे 'न्याय पत्र' के बारे में समझाने में बहुत खुशी होगी।

कांग्रेस प्रमुख ने ये भी कहा कि वो प्रधानमंत्री के हालिया भाषणों में इस्तेमाल की गई भाषा से न तो हैरान हैं और न ही आश्चर्यचकित हैं। खड़गे ने पत्र में कहा, ''उम्मीद थी कि चुनाव के पहले चरण में बीजेपी का निराशाजनक प्रदर्शन देखने के बाद आप और आपकी पार्टी के दूसरे नेता इस तरह से बोलना शुरू करेंगे।''

उन्होंने कहा कि कांग्रेस वंचित गरीबों और उनके अधिकारों के बारे में बात कर रही है, "हम जानते हैं कि आपको और आपकी सरकार को गरीबों और पिछड़ों के लिए कोई चिंता नहीं है। आपकी 'सूट-बूट की सरकार' उन कॉरपोरेट्स के लिए काम करती है जिनके कर आपने कम किए हैं। वहीं वेतन पाने वाले अधिक करों का भुगतान करते हैं। गरीब भोजन और नमक पर भी जीएसटी देते हैं। वहीं अमीर कॉरपोरेट जीएसटी रिफंड का दावा करते हैं।" 

उन्होंने कहा कि "हमारा घोषणापत्र भारत के लोगों के लिए है चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन या बौद्ध हों। मुझे लगता है कि आप अभी भी आजादी से पहले के अपने सहयोगियों मुस्लिम लीग के आकाओं को नहीं भूले हैं।"