देश की राजधानी दिल्ली स्थित अपोलो कैंसर सेंटर ने भारत का पहला लंगलाइफ स्क्रीनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसके बारे में अस्पताल का कहना है कि यह फेफड़ों के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
अपोलो कैंसर सेंटर के डॉक्टर्स के मुताबिक, इस पहल का उद्देश्य फेफड़ों के कैंसर से लड़ना है, जो भारत में सभी कैंसर का 5.9% और कैंसर से संबंधित मौतों का 8.1% है। अपोलो ने कहा कि कैंसर का जल्द निदान बेहतर उपचार परिणाम प्राप्त करने और जीवित रहने की दर बढ़ाने में मदद करता है। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा प्रस्तुत कैंसर की घटनाओं और मृत्यु दर के ग्लोबोकैन 2020 अनुमान से पता चलता है कि फेफड़ों का कैंसर कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है, जिसके कारण 2020 में अनुमानित 1.8 मिलियन मौतें (18%) हुई।
लंगलाइफ स्क्रीनिंग कार्यक्रम उन लोगों को लक्षित करता है जिन्हें फेफड़ों के कैंसर के विकास का सबसे अधिक जोखिम है, जैसे कि 50 से 80 वर्ष की आयु के लोग, बिना लक्षण वाले लोग, धूम्रपान करने वाले लोग और फेफड़ों के कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोग। कम खुराक वाली कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (एलडीसीटी) द्वारा शीघ्र निदान से फेफड़े के कैंसर की शीघ्र पहचान करने में मदद मिल सकती है, जिससे जीवित रहने की दर में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।