दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल ने खुलासा किया कि आईपीएल की नीलामी से पहले ऋषभ पंत को टीम में रखने के लिए फ्रैंचाइजी ने हर संभव कोशिश की, लेकिन टीम को कैसे चलाता है इस बारे में उनके और हमारे बीच मतभेद था। जिसकी वजह से उन्हें (पंत) टीम से बाहर होना पड़ा। दिल्ली कैपिटल्स ने पंत को रिटेन नहीं किया और बाएं हाथ के इस खिलाड़ी को हाल ही में नीलामी में लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ रुपये में खरीद लिया। इसके साथ ही पंत आईपीएल के इतिहास में सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए हैं।
पार्थ जिंदल ने कहा, "वो कैसे फ्रैंचाइजी को चलाते हैं और हम कैसे चलाते हैं इसको लेकर अलग-अलग राय थी। यही वजह है कि वो हमारे साथ आज टीम का हिस्सा नहीं है। पैसे से इसका कोई लेना-देना नहीं है।" उन्होंने कहा, "ऋषभ के लिए पैसा कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। और हमारे लिए भी पैसा कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। मुझे लगता है कि हम तीनों किरण ग्रांधी, जिंदल और पंत के विचार अलग-अलग थे।" पार्थ जिंदल ने आगे कहा, "उन्होंने अंत में फैसला किया। हमने सब कुछ करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने आखिरकार फैसला किया कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है।"
उन्होंने कहा कि मतभेद सिर्फ यही था कि फ्रैंचाइजी को कैसे चलाना है। कुछ उम्मीदें उन्हें थी, कुछ हमें थी। लेकिन मतभेद भी थे। पार्थ जिंदल ने कहा, "हमने उन्हें (पंत) नेतृत्व को लेकर कुछ फीडबैक दिया। हमने उन्हें बताया कि वो किस तरह से सुधार कर सकते हैं, लेकिन हम इस बात को लेकर बिल्कुल साफ थे कि हम उनकी महत्वाकांक्षाओं को जानते हैं, हम जानते हैं कि वे कहां जाना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया है कि उनका सपना और इच्छा भारत की कप्तानी करना है और इसकी शुरुआत आईपीएल टीम की कप्तानी से होती है।" जिंदल ने कहा कि टीम प्रबंधन को एहसास हो गया था कि नीलामी से पंत को वापस खरीदना असंभव काम था।
उन्होंने कहा, "जिस वक्त हमने उन्हें रिटेन नहीं किया, मुझे पता था कि वो चले गए हैं। हमने उनके लिए 20.25 (करोड़ रुपये) में राइट-टू-मैच किया, लेकिन फिर भी बजट बहुत ज्यादा हो गया। हम 22-23 करोड़ रुपये तक बोली चलाने के लिए तैयार थे।"