Women T20 World Cup: बल्लेबाजों के लचर प्रदर्शन के कारण पहले दो मैच में मिला-जुला परिणाम हासिल करने वाली भारतीय टीम महिला टी20 विश्व कप के ग्रुप ए में बुधवार को यहां श्रीलंका के खिलाफ होने वाले मैच में बड़ी जीत दर्ज करके अपने नेट रन रेट में सुधार करने की कोशिश करेगी। भारतीय टीम टूर्नामेंट में अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है। उसे अपने पहले मैच में न्यूजीलैंड से 58 रन से हार का सामना करना पड़ा जबकि पाकिस्तान के खिलाफ 106 रन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उसने 18.5 ओवर खेले।
भारत की टूर्नामेंट में अभी तक सबसे बड़ी समस्या बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन रहा है विशेष कर शैफाली वर्मा और उप-कप्तान स्मृति मंधाना अभी तक टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए हैं। शैफाली ने जहां पहले दो मैच में दो और 32 रन बनाए वही मंधाना 12 और सात रन ही बना सकी। मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर दबाव कम करने के लिए इन दोनों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
अभी तक दो मैच में 15 और 29 रन बनाने वाली कप्तान हरमनप्रीत कौर का गर्दन में चोट के कारण श्रीलंका के खिलाफ खेलना संदिग्ध है जिससे भारत की समस्या और बढ़ गई है। हरमनप्रीत पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में बल्लेबाजी करते समय चोटिल हो गई थी और उन्हें रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौटना पड़ा था। ऐसे हालात में जेमिमा रोड्रिग्स, दीप्ति शर्मा और रिचा घोष को बल्लेबाजी में ज्यादा जिम्मेदारी निभानी होगी।
मध्यम गति की गेंदबाज अरुंधति रेड्डी ने पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में 19 रन देकर तीन विकेट हासिल करके अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन उन्हें अन्य तेज गेंदबाजों रेणुका सिंह और पूजा वस्त्राकर से ज्यादा सहयोग की जरूरत है। पूजा पिछले मैच में नहीं खेली थी। भारतीय टीम स्पिन विभाग में दीप्ति शर्मा पर बहुत ज्यादा निर्भर है लेकिन वो टूर्नामेंट में अभी तक अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई है।
युवा ऑफ स्पिनर श्रेयंका पाटिल और लेग स्पिनर आशा शोभना ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत को श्रीलंका के खिलाफ खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन करना होगा क्योंकि ग्रुप के अंतिम मैच में उसका सामना ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम से होगा। श्रीलंका के खिलाफ भारत को केवल जीत नहीं बल्कि बड़ी जीत की जरूरत है जिससे कि उसके नेट रन रेट में सुधार हो सके।
श्रीलंका को अपने पहले दोनों मैच में हार का सामना करना पड़ा लेकिन भारत उसकी टीम को हल्के से लेने की गलती नहीं करेगा। विशेषकर अगस्त में एशिया कप फाइनल में मिली हार के बाद भारतीय टीम अपने इस प्रतिद्वंदी के खिलाफ सतर्क होकर खेलेगी। भारतीय खिलाड़ी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि अब श्रीलंका की टीम केवल अपनी कप्तान चमारी अटापट्टू पर ही निर्भर नहीं है और उसके पास अन्य मैच विजेता खिलाड़ी भी हैं।