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राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक लोकसभा में पेश, BCCI भी इसके दायरे में आएगा

New Delhi: लोकसभा में बुधवार को सरकार ने एक विधेयक पेश किया जिसके प्रावधानों के दायरे में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) भी आएगा और इसमें भले ही बीसीसीआई की स्वायत्तता को बरकरार रखा गया है किंतु उससे जुड़े विवादों का निस्तारण राष्ट्रीय पंचाट के जरिए करवाने का प्रस्ताव है। 

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इन प्रावधानों वाला सदन में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 पेश किया। विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच विधेयक पेश करते हुए मांडविया ने कहा कि यह विधेयक खेलों के विकास और संवर्द्धन, ओलंपिक और खेल संचालन की नैतिकता व निष्पक्षता सुनिश्चित करने और खेल विवादों के समाधान के लिए लाया गया है। 

इससे पहले मंगलवार को खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने जानकारी दी थी कि बीसीसीआई भी इस विधेयक के दायरे में आएगी और भले ही यह खेल संस्था सरकार से वित्तीय मदद पर निर्भर ना हो लेकिन उसे प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल बोर्ड से मान्यता लेनी होगी।

सूत्र ने कहा, ‘‘सभी राष्ट्रीय महासंघों की तरह, बीसीसीआई को भी इस विधेयक के अधिनियम बन जाने के बाद देश के कानून का पालन करना होगा। वे मंत्रालय से वित्तीय मदद नहीं लेते लेकिन संसद का अधिनियम उन पर लागू होता है।’’

उसने कहा, ‘‘बीसीसीआई अन्य सभी एनएसएफ की तरह एक स्वायत्त निकाय बना रहेगा लेकिन उनसे जुड़े विवादों का निपटारा प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल पंचाट करेगा। यह पंचाट चुनाव से लेकर चयन तक के खेल मामलों से जुड़े विवाद का समाधान निकाय बन जाएगा।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक का मतलब किसी भी एनएसएफ पर सरकारी नियंत्रण करना नहीं है। सरकार सुशासन सुनिश्चित करने में एक सूत्रधार की भूमिका निभाएगी।’’ विधेयक का उद्देश्य समय पर चुनाव कराना, प्रशासनिक जवाबदेही और खिलाड़ियों के कल्याण के लिए एक मजबूत खेल ढांचा तैयार करना है।