USA: अमेरिका में यूटा के एक कॉलेज में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और रूढ़िवादी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 31 साल के किर्क को उस वक्त गर्दन पर गोली मारी गई जब वे छात्रों को संबोधित कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि यह एक लक्षित हमला था। इस सिलसिले में एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
किर्क युवा संगठन 'टर्निंग प्वाइंट यूएसए' के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इस संगठन का मकसद रूढ़िवादी विचारधारा को कॉलेज परिसरों तक पहुंचाना है। ये लगभग 4,000 परिसरों में अपनी मौजूदगी का दावा करता है और 79 मिलियन डॉलर से ज्यादा की धनराशि जुटा चुका है। किर्क ने 2019 में 'टर्निंग प्वाइंट एक्शन' लॉन्च किया। संगठन ने कंजरवेटिव उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाया और नियमित रूप से डोनाल्ड ट्रंप के साथ कार्यक्रमों की मेजबानी की।
किर्क ने गर्भपात का विरोध किया, बंदूक के अधिकारों का बचाव किया और कॉलेज परिसरों में "उदारवादी प्रभुत्व" के खिलाफ अभियान चलाया। राजनीति से परे, किर्क ने सोशल मीडिया पर भी अपना दबदबा दर्ज कराया। उनके पॉडकास्ट को हर महीने पांच लाख सेे ज्यादा श्रोता सुनते थे। वहीं एक्स अकाउंट पर उनके 53 लाख फॉलोअर थे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने किर्क की मौत के बाद जारी किए गए एक वीडियो में उन्हें सत्य और आजादी के लिए शहीद होने वाला बताया। ट्रंप ने उनकी हत्या के लिए "कट्टरपंथी वामपंथ" की बयानबाजी को जिम्मेदार ठहराया। राष्ट्रपति ने उनके सम्मान में अमेरिकी झंडे को आधा झुकाने का भी आदेश दिया।
इस गोलीबारी की राजनैतिक गलियारे में कड़ी निंदा हुई। डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े लोगों ने भी ट्रंप और किर्क के रिपब्लिकन सहयोगियों के साथ मिलकर उनकी हत्या की निंदा की।