Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के रियासी में श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की एमबीबीएस दाखिला सूची को रद्द करने की मांग को लेकर शनिवार को दर्जनों प्रदर्शनकारी लोक भवन के बाहर इकट्ठा हुए। उनलोगों ने प्रदर्शन किया और उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा का पुतला जलाया। दक्षिणपंथी संगठनों के हाल ही में बने एक समूह श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजि किया। प्रदर्शनकारियों ने "एलजी वापस जाओ" जैसे नारे लगाए।
जम्मू कश्मीर बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं और जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अरुण गुप्ता समेत कई व्यापारी नेता इसमें शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन की वजह से लोक भवन के बाहर मुख्य सड़क पर जाम लग गया, जिससे आस-पास की सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक यात्रियों को परेशानी हुई।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने और यातायात नियंत्रित करने के लिए लोक भवन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। परिसर के अंदर जाने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को पीछे हटाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। समिति के संयोजक कर्नल सुखवीर सिंह मनकोटिया ने बताया, "हम अपनी जायज मांगों के पूरा होने तक विरोध जारी रखेंगे, जो हमारी आस्था से जुड़ी हैं। हम किसी खास धर्म के छात्रों के खिलाफ नहीं हैं, हम बस चाहते हैं कि मेडिकल कॉलेज में सीटें सिर्फ हिंदू छात्रों के लिए आरक्षित हों।"
उन्होंने कहा कि उनलोगों ने लोक भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन इसलिए किया है, क्योंकि उप-राज्यपाल श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष हैं और ये उनकी जिम्मेदारी है कि किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। मनकोटिया ने कहा कि अगर हिंदू छात्रों के लिए सीटें आरक्षित करने में कोई समस्या है, तो सरकार को मेडिकल कॉलेज बंद कर देना चाहिए।
ये विवाद पिछले महीने एनईईटी मेरिट लिस्ट के जरिए 50 छात्रों के पहले एमबीबीएस बैच में दाखिला पूरा होने के बाद शुरू हुआ। इस बैच में 42 मुस्लिम उम्मीदवार हैं, जिनमें से ज्यादातर कश्मीर के हैं, जम्मू के सात हिंदू छात्र और एक सिख उम्मीदवार है। ये विरोध प्रदर्शन दक्षिणपंथी हिंदू समूहों ने शुरू किया था, जिसके बाद संघर्ष समिति बनी और इसके नेताओं ने पहले ही उप-राज्यपाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री समेत केंद्र सरकार के नेताओं से बात की है।