New Delhi: आरएसएस और बीजेपी में गहरी आस्था रखने वाले सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उप-राष्ट्रपति चुने गए। वे इस अहम पद तक पहुंचने वाले तमिलनाडु के तीसरे नेता बन गए हैं। 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बीबीए की डिग्री हासिल की थी।
एक मृदुभाषी और गैर-टकराववादी नेता के रूप में देखे जाने वाले सीपी राधाकृष्णन पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जगह लेंगे। जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर सभी को हैरान कर दिया था। सीपी राधाकृष्णन के समर्थक उन्हें "पचाई तमिज़हन" यानी एक सच्चा तमिल कहते हैं। उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनने से पहले वे महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।
अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद रहे राधाकृष्णन किशोरावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए थे और धीरे-धीरे संघ के बड़े पदों पर पहुंचे। सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु में आरएसएस और बीजेपी के सर्वोच्च पदों पर भी रहे।
सामाजिक रूप से प्रभावशाली और आर्थिक रूप से समृद्ध कोंगु वेल्लालर गौंडर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन 1996 में तमिलनाडु बीजेपी के सचिव बने और 2003 से 2006 तक तमिलनाडु में बीजेपी की कमान संभाली। तमिलनाडु में सभी दलों में उच्च सम्मान प्राप्त सीपी राधाकृष्णन को झारखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र और पुडुचेरी में राज्यपाल बनाया गया। लगभग डेढ़ साल झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य करने के बाद उन्होंने 31 जुलाई, 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए सी.पी. राधाकृष्णन को जीत पर बधाई दी और भरोसा जतया कि वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे जो संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखेंगे और संसदीय संवाद को और समृद्ध करेंगे। दशकों का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले राधाकृष्णन से उम्मीद है कि वे भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में कार्यभार संभालते समय अपने पुराने अनुभव का पूरा लाभ उठाएंगे।