Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर घोटाले का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मामला मंडला का है जहां बड़ी ही चालाकी से अस्वीकृत में से 'अ' को हटाकर उसे स्वीकृत कर दिया गया और 65 लाख रुपये का ऋण घोटाले को अंजाम दिया गया। इस वित्तीय घोटाले के सिलसिले में सहकारी बैंक के महाप्रबंधक समेत चार कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोपियों में बैंक के महाप्रबंधक नरेंद्र कोरी और अल्पसंख्यक शाखा की एक महिला कर्मचारी शामिल हैं। इन पर 65 लाख रुपये के घोटाले का आरोप है। अधिकारी ने कहा," दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर इस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। जांच शुरू की गई और ईओडब्ल्यू को पत्र लिखा गया।"
आरोपियों ने दस्तावेजों में हेरफेर करके “अस्वीकृत” ऋण प्रस्तावों को “स्वीकृत” दिखाया, इससे बैंक को वित्तीय नुकसान हुआ। कलेक्टर की जांच में ऋण सीमा में अनियमित वृद्धि और वसूली में लापरवाही की पुष्टि हुई। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।