मदुरै, 13 दिसंबर (भाषा) मदुरै के निवासियों के एक समूह ने तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी की चोटी पर स्थित प्राचीन दीपक स्तंभ पर कार्तिगई दीपम प्रज्वलित करने की मांग को लेकर शनिवार को अनशन किया।
उच्च न्यायालय ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वालों की संख्या 50 लोगों तक सीमित कर दी है। इसलिए मदुरै के कई घरों ने प्रदर्शनकारियों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए भगवान मुरुगा के पीले झंडे फहराए, जिन पर साहस और अंधकार को दूर करने का प्रतीक सेवल (मुर्गा) की छवि बनी हुई है।
तिरुपरनकुंड्रम में बस स्टैंड के पास व्यापारियों ने प्रतीकात्मक रूप से अपनी दुकानों के सामने दीपक जलाकर अधिकारियों से मांग की कि उन्हें दीये के स्तंभ (दीपतून) पर दीपक जलाने की अनुमति दी जाए।
आज का विरोध प्रदर्शन मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ की न्यायमूर्ति एस. श्रीमाथी द्वारा 11 दिसंबर को याचिकाकर्ता आर. प्रभु को जनता की भागीदारी के साथ शांतिपूर्ण ‘अनशन’ आंदोलन आयोजित करने की अनुमति दिए जाने के बाद किया गया, ताकि अधिकारियों का ध्यान ‘दीपाथून’ (दीप स्तंभ)में दीपक जलाने की ओर आकर्षित किया जा सके।
अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर के प्रबंधन और स्थानीय पुलिस का तीन दिसंबर को श्रद्धालुओं के एक वर्ग के साथ तब विवाद पैदा हुआ, जब अधिकारियों ने एक दरगाह के पास ‘दीपथून’ में दीपक जलाने के संबंध में एकल न्यायाधीश के आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनका मानना था कि इससे क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।
अधिकारियों के रवैये के कारण याचिकाकर्ता रमा रविकुमार ने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए पीठ का रुख किया। वहीं, मंदिर प्रबंधन और पुलिस ने भी उच्च न्यायालय की पीठ के न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन के एक दिसंबर के आदेश को चुनौती दी।
भाषा धीरज दिलीप
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