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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने से ग्रैप के तहत चौथे चरण की पाबंदियां लागू

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रतिकूल मौसम की स्थिति के बीच प्रदूषण के स्तर में तेजी से वृद्धि होने के बाद शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर प्रतिबंध सहित अपनी वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के सबसे सख्त ‘ग्रैप’ के चौथे चरण को लागू कर दिया।

‘चरणबद्ध प्रतक्रिया कार्य योजना’ (ग्रैप) पर बनी उप-समिति ने दिन में पहले ही यह निर्णय लिया था कि वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट को देखते हुए पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से के तीसरे चरण को लागू किया जाए।

हालांकि, सुबह से प्रदूषण के स्तर में और अधिक तीव्र वृद्धि को देखते हुए, उप-समिति ने शाम 6.30 बजे स्थिति और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और आईआईटीएम द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमानों की समीक्षा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक आयोजित की।

इसमें पाया गया कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई), जो सुबह 10 बजे ‘गंभीर’ श्रेणी में 401 था, बहुत कम हवा की गति, स्थिर वातावरण और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण लगातार बढ़ता रहा।

समिति ने बताया कि एक्यूआई शाम 4 बजे 431, शाम 5 बजे 436, शाम 6 बजे 441 और शाम 7 बजे 448 तक पहुंच गया।

इसमें कहा गया है कि ये स्थितियां, साथ ही रात के दौरान शांत हवाएं और धुंध या कोहरा छाए रहने की संभावना है, जिससे क्षेत्र में प्रदूषक की सांद्रता बढ़ जाएगी।

बयान में कहा गया कि यह एनसीआर में पहले से ही लागू ग्रैप के चरण-1,2 और तीन के तहत की गई कार्रवाइयों के अतिरिक्त है।

ग्रैप के चौथे चरण में दिल्ली-एनसीआर में सबसे सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं।

इस चरण के तहत, आवश्यक वस्तुओं या आवश्यक सेवाओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर, दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश प्रतिबंधित होंगी। हालांकि, सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 डीजल ट्रकों को अनुमति होगी।

दिल्ली में पंजीकृत डीजल भारी मालवाहक वाहनों (बीएस-4 और उससे नीचे) के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैं। हालांकि इसमें केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही छूट दी गई है।

सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिसमें राजमार्ग, सड़कें, फ्लाईओवर, बिजली पारेषण लाइनें, पाइपलाइनें और दूरसंचार कार्य जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाएं भी शामिल हैं, जिन्हें निचले चरणों में अन्यथा अनुमति दी जाती है।

दिल्ली और सबसे अधिक प्रभावित एनसीआर जिलों में प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों के साथ-साथ उच्च कक्षाओं (छठी से नौवीं और ग्यारहवीं) के छात्रों के लिए भी स्कूलों को ‘हाइब्रिड’ मोड (ऑनलाइन और भौतिक) में कक्षाएं संचालित करने होंगे, जहां तक छात्रों को संभव हो वहां ऑनलाइन उपस्थित होने का विकल्प दिया जाएगा।

चौथे चरण के तहत, राज्य सरकारों से प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने पर अतिरिक्त आपातकालीन कदम उठाने पर विचार करने के लिए कहा गया है, जैसे कि कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना, गैर-जरूरी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करना और यहां तक ​​कि वाहनों के लिए सम-विषम नियम लागू करना।

सर्दियों के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है। एक्यूआई जब 201 से 300 के बीच होता है तब पहले चरण की पाबंदियां लगाई जाती हैं जबकि एक्यूआई के 301 से 400 के बीच रहने पर दूसरे, 401 से 450 के बीच रहने पर तीसरे तथा एक्यूआई के 450 से अधिक होने पर चौथे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाते हैं।

प्रतिकूल मौसम की स्थिति, वाहनों से निकलने वाले धुएं, पराली जलाने, पटाखों और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के कारण सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है।

भाषा धीरज रंजन

रंजन