नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने अपनी शाखाओं को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि महिला कर्मचारियों को बेहद जरूरी होने तक कार्य समय के बाद कार्यालय में न रोका जाए। विभाग ने इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक परामर्श में शाखाओं से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि अगर महिलाओं को देर तक काम करना पड़े, तो उन्हें सुरक्षित रूप से घर तक पहुंचाया जाए।
परामर्श के मुताबिक, “महिला कर्मचारियों की सुरक्षा, गरिमा व कल्याण सर्वोपरि है और इस बात पर जोर दिया गया है कि विभाग का यह कर्तव्य है कि वह हर समय सुरक्षित और अनुकूल कार्य वातावरण सुनिश्चित करे।”
परामर्श में कहा गया कि महिला कर्मचारियों को सामान्य कार्य समय से अधिक समय तक कार्यालय में रहने की स्थिति में स्पष्ट सुरक्षा उपाय, व्यवस्थित उत्तरदायित्व और कड़ी निगरानी आवश्यक है ताकि आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते समय किसी भी महिला को जोखिम में न डाला जाए।
परामर्श के मुताबिक, “यह निर्देश दिया जाता है कि किसी भी महिला कर्मचारी को सामान्य कार्य समय से अधिक समय तक कार्यालय में रहने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा, जब तक कि यह बिल्कुल अपरिहार्य न हो। ऐसी सभी असाधारण परिस्थितियों में, संबंधित शाखा प्रमुख/रिपोर्टिंग अधिकारी उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।”
परामर्श में निर्देश दिया गया कि प्रत्येक शाखा प्रमुख को पहले से यह आकलन करना चाहिए कि क्या किसी महिला कर्मचारी को देर तक रुकने की आवश्यकता वाला कार्य आवश्यक और अपरिहार्य है।
परामर्श में बताया गया, “सुनिश्चित करें कि महिला कर्मचारियों को नियमित या समय-सीमा से बाहर के कार्यों के लिए न रोका जाए, जिन्हें अगले कार्यदिवस पर उचित रूप से किया जा सकता है।”
परामर्श के मुताबिक, अगर देर तक रुकना अपरिहार्य हो जाता है, तो विभाग को उचित व्यवस्था करने के लिए समन्वय करना चाहिए ताकि महिला कर्मचारी को उसके निवास स्थान या किसी अन्य सुरक्षित व सुविधाजनक स्थान पर सुरक्षित रूप से छोड़ा जा सके।
परामर्श में बताया गया, “यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से जवाबदेह रहें कि ऐसी व्यवस्थाएं वास्तव में की जाएं और समय पर लागू की जाएं।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
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