नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2015 में मोहम्मद अखलाक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किये जाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के कदम पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
करात ने राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में सरकार द्वारा इस मामले में उठाए गए कदम को ‘राजनीति से प्रेरित’ करार दिया और राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाया।
करात ने कहा, ‘‘मैं आपका ध्यान सितंबर 2015 में हुई मोहम्मद अखलाक की भीड़ हिंसा में हुई मौत के मामले में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल की भूमिका की ओर आकर्षित करना चाहती हूं। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश सरकार को न्याय की प्रक्रिया को बाधित करने और पूरे मामले को वापस लेने के पूर्णतः अवैध और अन्यायपूर्ण प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए लिखित अनुमति दे दी है, जबकि मुख्य गवाह पहले ही साक्ष्य दे चुका है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यपाल की अनुमति से ग्रेटर नोएडा जिला न्यायालय में मामला वापस लेने के लिए एक हलफनामा दायर किया है।
करात ने पत्र में कहा, ‘‘मुझे खेद है कि इस मामले पर आपको पत्र लिखने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन चूंकि राज्यपाल की नियुक्ति आपने की है और वह आपके प्रति जवाबदेह हैं, इसलिए मैंने न्याय के हित में आपको तथ्यों से अवगत कराना और आपके तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करना उचित समझा।’’
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के बिसाहड़ा गांव में स्थित अखलाक के घर के बाहर 28 सितंबर 2015 को भीड़ जमा हो गई, क्योंकि गांव के एक मंदिर से यह कथित घोषणा की गई थी कि उसने गोहत्या की है। उसे, उसके बेटे दानिश के साथ, घर से घसीटकर बाहर निकाला गया और उस पर हमला किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अखलाक की मौत हो गई।
भाषा धीरज संतोष
संतोष