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वेस्ट बैंक में हिंसा तेजी से बढ़ी,बस्तियों के हित के आगे इजराइली संस्थानों के समर्पण से इसे मिली शह

(एरी पर्लिगर, मैसाचुसेट्स लोवेल यूनिवर्सिटी)

लोवेल (अमेरिका), 13 दिसंबर (द कन्वरसेशन) वेस्ट बैंक के खिरबेट बानी हारिथ स्थित अपने आवास के नजदीक ओवैस हम्माम तीन दिसंबर, 2025 को टहल रहे थे, तभी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक यहूदी बस्तियों में रहने वालों ने उनका अपहरण कर लिया। पास की एक बस्ती में कई घंटों तक, 18 वर्षीय फलस्तीनी युवक को कथित तौर पर बार-बार मारपीट, अपमान और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।

खबरों के मुताबिक, इस घटना में इजराइली सैनिक शामिल थे, लेकिन बाद में अगली सुबह उन्होंने उसे रिहा कर दिया। हम्मान को कई चोटों और गंभीर मानसिक आघात के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया।

यह कथित हमला कोई इकलौती घटना नहीं है। सात अक्टूबर, 2023 के बाद के माहौल में बाहर से आकर बसे लोगों की हिंसक प्रवृत्ति में वृद्धि देखी गई है, जो पहले मुख्य रूप से तोड़फोड़ और संपत्ति को नष्ट करने तक सीमित थी, लेकिन अब इसमें अपहरण, लंबे समय तक चलने वाला दुर्व्यवहार और स्पष्ट रूप से सैन्य मिलीभगत भी शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2025 तक के दो वर्षों में, 3,200 से अधिक फलस्तीनियों को ‘‘बस्ती बसाने वालों की हिंसा और आवागमन प्रतिबंधों के कारण जबरन विस्थापित’’ किया गया था।

हिंसा इस हद तक बढ़ गई है कि संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि अक्टूबर 2025 वेस्ट बैंक में बसने वालों द्वारा की गई हिंसा के मामले में सबसे खराब महीना था। वह 2006 में घटनाओं को दर्ज कर रहा है।

एक शोधार्थी के रूप में मेरा तर्क है कि वेस्ट बैंक में बसने वालों की हिंसा में नाटकीय वृद्धि इजराइल की राज्य संस्थाओं के भीतर एक गहन परिवर्तन को दर्शाती है। मैंने खुद दो दशकों से अधिक समय तक इजराइली चरमपंथी समूहों का अध्ययन किया है।

कानून और व्यवस्था के कथित तटस्थ प्रवर्तकों के रूप में कार्य करने के बजाय, सेना, इजराइली पुलिस और व्यापक सरकारी तंत्र बसने वालों की फलस्तीनियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयों के साथ तेजी से जुड़ गए हैं - और कई बार सीधे तौर पर उनमें शामिल भी होते हैं।

मेरी दलील है कि बस्तियों में बसने वालों की हिंसा से निपटने के लिए संस्थागत अनिच्छा केवल कानून लागू करने की विफलता नहीं है, बल्कि यह बड़े सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों का जानबूझकर किया गया परिणाम है, जिन्होंने कम से कम 1990 के दशक के मध्य से इजराइली समाज को नया आकार दिया है।

बस्तियों में बसने वालों की सपनों की सरकार

इस परिवर्तन का सबसे स्पष्ट उदाहरण दिसंबर 2022 में गठित इजराइल की वर्तमान सरकार की संरचना है।

पहली बार, प्रमुख मंत्रिस्तरीय पदों पर ऐसे व्यक्ति काबिज हैं जिनकी स्पष्ट रूप से बस्ती समर्थक विचारधाराएं हैं और बस्ती आंदोलन की कुछ सबसे हिंसक धाराओं से व्यक्तिगत संबंध हैं।

इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वेस्ट बैंक में स्वयं बसे और चरमपंथी विचारधारा के माने जाने वाले वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ने सक्रिय रूप से ऐसी नीतियां लागू की हैं जो बसने वालों की हिंसा को सुविधाजनक बनाती हैं और उसे वैधता प्रदान करती हैं।

उदाहरण के लिए, बेन-ग्वीर ने आग्नेयास्त्र नियमों में काफी ढील दी है, अक्टूबर 2023 से 1,00,000 से अधिक नए बंदूक लाइसेंस जारी किए हैं, जिसमें बसने वालों को प्राथमिकता दी गई है।

वहीं, स्मोट्रिच ने अवैध चौकियों को सार्वजनिक रूप से सुरक्षा उपकरण वितरित किए हैं और बस्ती बसाने वालों के मिलिशिया के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया है। इस राजनीतिक समर्थन से ऐसा माहौल बनता है जिसमें बस्ती बसाने वाले बेखौफ होकर मनमानी करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

मंत्रियों की व्यक्तिगत स्तर पर पहल से परे, इजराइली सरकार ने संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाया है जो व्यवस्थित रूप से बस्तीवासियों की हिंसा पर संस्थागत नियंत्रण को कमजोर करते हैं।

वेस्ट बैंक में इजराइल के मुख्य शासी निकाय नागरिक प्रशासन प्राधिकरण की जिम्मेदारी सैन्य केंद्रीय कमान से हटाकर स्मोट्रिच के वित्त मंत्रालय को स्थानांतरितक र दिया गया है जो शासन में एक मौलिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है।

दशकों तक, नागरिक प्रशासन ने स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी वेस्ट बैंक सेवाओं के प्रावधान का समन्वय किया।

यह फलस्तीनी प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करने के साधन के रूप में भी कार्य करता था, जिसे ओस्लो समझौते के तहत कब्जे वाले वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों पर सीमित स्वशासन का जिम्मा सौंपा गया है।

नागरिक प्रशासन को स्वतंत्र सैन्य कमान के बजाय राजनीतिक नियंत्रण में रखकर, सरकार ने बसने वालों के विस्तार को रोकने में सक्षम कुछ तंत्रों में से एक को कमजोर कर दिया है।

इसी तरह, वेस्ट बैंक सीमा पुलिस को बेन-ग्वीर के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय के अधीन करने की योजना उस एकीकृत कमान संरचना को खत्म करने की चेतावनी देती है जो 1967 से कब्जे वाले वेस्ट बैंक में तनाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

बसने वालों के सामने आत्मसमर्पण

इन घटनाक्रमों के साथ-साथ आम लोगों की बस्तियों और वर्दीधारी सुरक्षा कर्मियों के बीच की सीमाएं धुंधली होती जा रही हैं। सात अक्टूबर, 2023 के बाद, इजराइली अधिकारियों ने तथाकथित असैन्य बस्ती के रक्षा दस्तों और क्षेत्रीय रक्षा बटालियनों को 8,000 सैन्य राइफल सौंपीं।

ये सशस्त्र बस्ती समूह अब आधिकारिक सुरक्षा बलों के साथ मिलकर काम करते हैं और उनसे कर इनकी पहचान नहीं की जा सकती। फलस्तीनियों पर हमलों के दौरान बस्ती समूह अक्सर आधिकारिक वर्दी पहनते हैं और सेना द्वारा जारी हथियार रखते हैं।

पुलिस थानों जैसे सुरक्षा ढांचे अक्सर बस्तियों के भीतर ही स्थित होते हैं, जिससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों और बस्ती समुदायों के बीच घनिष्ठ संबंध मजबूत होते हैं।

मेरा सुझाव है कि भौगोलिक और संस्थागत निकटता के कारण निष्पक्ष पुलिसिंग लगभग असंभव हो जाती है।

इस घटना के सांस्कृतिक और सामाजिक आयाम और भी गहरे हैं। कई बसने वाले लोग सेना के आरक्षित सैनिकों के रूप में सेवा करते हैं, जिससे नागरिक और सैन्य कर्मियों के बीच परस्पर जुड़ी पहचानें बनती हैं।

नागरिक सुरक्षा समन्वयक, जो सेना और बस्तियों के अपने ‘रक्षा दस्तों’ के बीच समन्वय के लिए जिम्मेदार हैं, सक्रिय रूप से सैन्य परिचालन नीति को आकार देते हैं।

सामाजिक परिवर्तन

इजराइली संस्थानों में बदलाव व्यापक सामाजिक परिवर्तनों को दर्शाता है, जहां बसने वालों का आंदोलन कई सामाजिक गुटों में से एक से विकसित होकर एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति बन गया है।

बस्तियों में बसने वाले लोग सरकार और सैन्य नेतृत्व में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं और काफी राजनीतिक प्रभाव रखते हैं।

परिणामस्वरूप, बस्तियों द्वारा की जाने वाली हिंसा राज्य संस्थाओं के अभियान में प्रगाढ़ तरीके से अंतर्निहित हो गई है। इससे कानून प्रवर्तन निकाय, जो दिखने में तटस्थ मध्यस्थ थे, अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा फलस्तीनियों के खिलाफ व्यवस्थित हिंसा में सहायक या भागीदार के रूप में वर्णित किए जा रहे हैं।

मेरा मानना ​​है कि यह राज्य शक्ति का एक मौलिक पुनर्गठन है जो स्पष्ट रूप से उपनिवेशवादी विस्तारवाद को आगे बढ़ा रहा है।

इसके अलावा, बस्तीवासियों द्वारा की गई हिंसा के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने में विफलता संस्थागत नियंत्रण की सीमा को उजागर करती है। 2005 और 2023 के बीच, बस्तीवासियों द्वारा की गई हिंसा की 93 प्रतिशत से अधिक पुलिस जांच बिना अभियोग के बंद कर दी गईं, और केवल तीन प्रतिशत मामलों में ही दोषसिद्धि हुई।

न्यायिक जांच का क्षरण

इजरायल के उच्चतम न्यायालय ने औपचारिक रूप से स्वीकार किया है कि वेस्ट बैंक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कब्जे वाला क्षेत्र है।

फिर भी, न्यायिक संरचना ऐतिहासिक रूप से बस्तियों के विस्तार को बढ़ावा देती रही है। बस्तियों में बसने वाले लोग इजराइली नागरिक कानून के अधीन हैं, जिसमें इजराइली चुनावों में मतदान करने का अधिकार भी शामिल है, जबकि फलस्तीनियों को सैन्य कानून का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा और संपत्ति के अधिकारों से जुड़े मामलों में अत्यधिक असमान परिणाम सामने आते हैं।

देश के सर्वोच्च न्यायालय ने, हालांकि कभी-कभी फलस्तीनियों के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रावधानों को रद्द कर देता है, लेकिन व्यापक बस्ती निर्माण परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति देने वाले सुरक्षा संबंधी दलीलों के आगे घुटने टेक दिए हैं।

उदाहरण के लिए, 2022 में अदालत ने हेब्रोन शहर में फलस्तीनी भूमि को वापस करने की याचिका को खारिज कर दिया। उसने दलील दी कि इजराइली उपस्थिति सेना के ‘‘क्षेत्रीय सुरक्षा सिद्धांत’’ का हिस्सा है।

शांति प्रक्रिया पर प्रभाव

बस्तियों में बसे लोगों के हितों के आगे संस्थागत आत्मसमर्पण के ये परिणाम वेस्ट बैंक से कहीं अधिक व्यापक हैं। बस्तियों ने गाजा पट्टी में युद्ध को अपने एजेंडे को गति देने के अवसर के रूप में देखा है, जिसके चलते सात अक्टूबर, 2023 से अब तक कम से कम 18 समुदायों से 1,000 से अधिक फलस्तीनियों को विस्थापित किया गया है।

मानवीय चिंताओं के अलावा, हिंसा से प्रेरित विस्थापन का यह पैटर्न ‘दो-देश’ समाधान की व्यवहार्यता को कमजोर करता है।

यह इस दावे को भी कमजोर करता है कि ‘दो-राष्ट्र’ समाधान के बजाय, इजरायल अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर समान रूप से कानून का शासन लागू कर सकता है।

इसलिए, जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय संगठन युद्धविराम वार्ता और पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं वेस्ट बैंक में हिंसा फलस्तीनी राज्य के लिए आवश्यक क्षेत्रीय और जनसांख्यिकीय आधारों को कमजोर कर रही है और स्थायी युद्धविराम की संभावना को और भी दूर कर रही है। न्यायपूर्ण भविष्य के लिए इसके परिणाम वास्तव में भयावह हैं।

(द कन्वरसेशन) धीरज संतोष

संतोष