बेंगलुरु, 13 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक में 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आलंद निर्वाचन क्षेत्र में कथित 'वोट चोरी' की जांच कर रही एसआईटी ने सात लोगों को नामजद करते हुए आरोप पत्र दायर किया है, जिनमें भाजपा के एक पूर्व विधायक, उनका बेटा और करीबी सहयोगी शामिल हैं।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बेंगलुरु में प्रथम अतिरिक्त मुख्य महानगरीय मजिस्ट्रेट के समक्ष यह आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र कथित रूप से 5,994 मतदाताओं के नाम हटाने के प्रयासों से संबंधित है।
सीआईडी के सूत्रों के अनुसार, 22 हजार से अधिक पन्नों के आरोप पत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए कथित तौर पर अपनाई गई कार्यप्रणाली का विस्तृत विवरण दिया गया है।
आरोप पत्र में आलंद से चार बार विधायक रहे सुभाष गुट्टेदार, उनके बेटे हर्षानंद गुट्टेदार, निजी सचिव टिप्पेरुद्रा, कलबुर्गी में स्थित डेटा सेंटर के तीन ऑपरेटर अकरम पाशा, मुकर्रम पाशा और मोहम्मद अश्फाक तथा पश्चिम बंगाल के बापी आद्या नामक व्यक्तियों के नाम शामिल हैं।
इस मामले में बापी आद्या को गिरफ्तार किया गया था। उस पर कथित तौर पर अमेरिका के एक प्लेटफॉर्म से जुड़ी वेबसाइट ‘ओटीपी बाजार’ संचालित करने का आरोप है, जो “ओटीपी बाईपास” सुविधा प्रदान करती थी। बाद में आद्या को जमानत पर रिहा कर दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, एक विशेष अदालत ने पहले ही गुट्टेदार, उनके बेटे और टिप्पेरुद्रा को अग्रिम जमानत दे दी थी।
शनिवार को हर्षानंद ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें और उनके पिता को झूठे मामले में फंसाया गया है।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अभियान बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क से शुरू हो गया है।
उन्होंने बताया कि रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों लोग हिस्सा लेंगे।
भाषा
जोहेब पारुल
पारुल