मुंबई, 10 सितंबर (भाषा) विदेशी संस्थागत निवेशकों के मजबूत निवेश प्रवाह और डॉलर में कमजोर रुख के बीच रुपये ने बुधवार को अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से थोड़ी मजबूती दिखाई और चार पैसे चढ़कर 88.11 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में गतिरोध दूर होने के संकेत और घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान से रुपये को समर्थन मिला। हालांकि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने मजबूती को सीमित रखा।
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये 88.14 प्रति डॉलर के भाव पर खुला और 88.06-88.19 के सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद 88.11 के भाव पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव के मुकाबल चार पैसे की मजबूती है।
मंगलवार को रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर 88.15 तक गिर गया था। शुक्रवार को रुपये ने अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 88.38 पर पहुंचा था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘रुपया एक दायरे में बना रहा। रिजर्व बैंक डॉलर के 88.20 से 88.30 स्तर पर विक्रेता के रूप में मौजूद रहा जिससे विनिमय भाव दायरे में रहा।’’
भंसाली ने कहा कि बृहस्पतिवार को रुपये की अपेक्षित सीमा 87.90 से 88.40 प्रति डॉलर के बीच रहने का अनुमान है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत गिरकर 97.74 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.89 प्रतिशत बढ़कर 66.98 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 323.83 अंक बढ़कर 81,425.15 और निफ्टी 104.50 अंक ऊपर 24,973.10 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 2,050.46 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण