अगरतला, 10 सितंबर (भाषा) टिपरा मोथा के प्रमुख एवं शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मा ने खुद को अगरतला, तेलियामुरा और कंचनपुर का ‘मूल भूस्वामी’ घोषित करके विवाद खड़ा कर दिया।
उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी पार्टी के समर्थकों, विधायकों और त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
अगरतला त्रिपुरा की राजधानी है, जबकि तेलियामुरा और कंचनपुर त्रिपुरा के दो उपमंडल हैं।
टिपरा मोथा टीटीएएडीसी पर शासन करती है, जो राज्य के क्षेत्र का दो-तिहाई हिस्सा है।
उन्होंने त्रिपुरा के जनजातीय समुदायों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का भी वादा किया तथा कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत मुख्यधारा की पार्टियों पर स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा, ‘‘यह मेरी अपनी जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और अब मैं इसे एक कदम और आगे ले जाऊंगा। मौन रहना आत्मसमर्पण नहीं है।’’
दिल्ली में विरोध सभा का आयोजन टिपरा मोथा नेता डेविड मुरासिंग द्वारा टीटीएएडीसी क्षेत्रों का गठन करके एक अलग टिपरालैंड की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए राजधानी में प्रतीकात्मक मार्च के लगभग दो महीने बाद किया गया था।
केंद्र की निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि राज्य कांग्रेस ने टीटीएएडीसी के गठन का विरोध किया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी स्थापना सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘आज केंद्र सरकार भी इसी दुविधा का सामना कर रही है। गृह मंत्री को इंदिरा गांधी की तरह कड़ा रुख अपनाना चाहिए।’’
भाषा देवेंद्र संतोष
संतोष