शिलांग, 10 सितंबर (भाषा) मेघालय के एक सांसद ने केंद्र से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (एडब्ल्यूडब्ल्यू) के लिए 24,000 रुपये और सहायिकाओं के लिए 18,000 रुपये का एक समान वेतन तय करने और श्रम कानूनों के तहत उन्हें नियमित करने का आग्रह किया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी एवं राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर को दिए ज्ञापन में तुरा से कांग्रेस सांसद सालेंग ए संगमा ने बताया कि ये कर्मचारी ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में काम करते हैं।
संगमा ने कहा कि अकेले मेघालय में 5,895 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 4,120 सहायिकाएं हैं।
सांसद ने कहा कि वर्तमान में राज्यों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 8,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच भुगतान किया जाता है जबकि सहायिकाओं को 4,500 रुपये से 8,500 रुपये मिलते हैं।
उन्होंने बताया कि मेघालय में निश्चित मानदेय 11,500 रुपये है, जिसमें राज्य स्तर पर 1,500 रुपये का अतिरिक्त योगदान है।
उन्होंने इन स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन का समय पर डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की, साथ ही प्रशिक्षण और पर्यवेक्षकीय भूमिकाओं के अवसरों सहित एक स्पष्ट करियर मार्ग प्रदान किए जाने का आग्रह भी किया।
सांसद ने गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए न्यूनतम वेतन 24,800 रुपये और सहायिकाओं के लिए 20,300 रुपये निर्धारित किया गया था, जिसे ‘‘अधिकांश राज्यों में अभी तक लागू नहीं किया गया है।’’
संगमा ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भारत के प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल, पोषण और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की रीढ़ हैं, लेकिन वे कठिन परिस्थितियों में कम वेतन, असुरक्षित नौकरी और अपर्याप्त संस्थागत समर्थन के साथ काम कर रही हैं।
ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘आंगनवाड़ी कार्यकर्ता माताओं, बच्चों और समुदायों की सेवा में अडिग रहती हैं। उनके समर्पण को ऐसे सुधारों के माध्यम से मान्यता दी जानी चाहिए, जो उनके कल्याण को सुनिश्चित करें और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सशक्त बनाएं।’’
भाषा सुमित सुरेश
सुरेश