मुंबई, 10 सितंबर (भाषा) मुंबई क्षेत्र में कई आवासीय सोसायटी के पुनर्विकास से वर्ष 2030 तक 44 हजार से अधिक नए घरों की आपूर्ति होगी, जिनकी अनुमानित कीमत 1.3 लाख करोड़ रुपये होगी। एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
रियल एस्टेट परामर्शदाता नाइट फ्रैंक इंडिया की इस रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई का रियल एस्टेट परिदृश्य इस समय पुरानी सोसायटी के पुनर्विकास की वजह से संरचनात्मक बदलाव के दौर से गुजर रहा है।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘मुंबई में नीतिगत प्रोत्साहन, डेवलपर के साझा विकास रणनीति पर चलने और पूंजी बाजार के अनुकूल माहौल ने सोसायटी पुनर्विकास को न केवल व्यावहारिक बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी आकर्षक बना दिया है।’’
नाइट फ्रैंक का अनुमान है कि मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में चल रही सोसायटी पुनर्विकास परियोजनाओं से वर्ष 2030 तक 44,277 नए घर उपलब्ध होंगे, जिनका मूल्य करीब 1,30,500 करोड़ रुपये होगा।
वर्ष 2020 से अब तक 910 आवासीय सोसायटी ने पुनर्विकास संबंधी समझौते डेवलपर के साथ किए हैं, जिससे लगभग 326.8 एकड़ भूमि क्षेत्र जगह मिली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई क्षेत्र में 30 वर्ष से अधिक पुरानी करीब 1.6 लाख सोसायटी पुनर्विकास के लिए पात्र हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘मुंबई में नई परियोजनाओं के विकास की सीमित संभावनाओं और लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए पुरानी सोसायटी का पुनर्विकास अनिवार्य हो चुका है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, बांद्रा एवं बोरीवली जैसे पश्चिमी उपनगरों में 32,354 नए घर बनेंगे, जो कुल आपूर्ति का 73 प्रतिशत हिस्सा होंगे। वहीं दक्षिण मुंबई में 416 नए घर जुड़ेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार को अगले पांच साल में सोसायटी पुनर्विकास गतिविधियों से लगभग 6,500 करोड़ रुपये का राजस्व और करीब 6,525 करोड़ रुपये का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मिलेगा।
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