Dehradun: उत्तराखंड के देहरादून में एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार 300 को पार कर रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पैमाने के मुताबिक इसका मतलब है कि शहर की हवा की क्वालिटी 'बहुत खराब' कैटेगरी में पहुंच गई है।
आमतौर पर साफ हवा का मजा लेने वाली उत्तराखंड की राजधानी में बढ़ते एक्यूआई ने जानकारों की चिंता भी बढ़ा दी है। वे इसकी वजह शहर में गाड़ियों और उद्योगों से बढ़ते प्रदूषण के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना भी मानते हैं। उनका कहना है कि मौसम के बदलते मिजाज ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
लोगों का कहना है कि प्रशासन ने प्रदूषण की मुश्किल से निपटने के लिए कोई सही योजना तैयार नहीं की है। उनके मुताबिक देहरादून की बढ़ती आबादी ने इसके बुनियादी ढांचे पर बोझ डाला है। देहरादून के लोगों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन ने भी उनके शहर को सामान्य से ज्यादा गर्म कर दिया है। वे कहते हैं कि प्रदूषण को कम करने की कोशिशों के बहुत कम नतीजे मिले हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि देहरादून में बढ़ती निर्माण गतिविधियां भी प्रदूषण बढ़ा रही हैं। उनके मुताबिक जिस शहर को कभी रिटायर्ड लोगों के लिए स्वर्ग माना जाता था वही अब बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए डेंजर जोन बन गया है। आने वाले दिनों में देहरादून में बारिश की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में मौसम विभाग को एयर क्वालिटी में जल्द सुधार की कोई उम्मीद नजर नहीं आती।
लोगों का कहना है कि जब तक अधिकारी प्रदूषण के संकट को गंभीरता से नहीं लेते और समाधान नहीं ढूंढ लेते तब तक देहरादून की एयर क्वालिटी में सुधार होता नहीं दिखता और उनका शहर देश के सबसे प्रदूषित शहरों से होड़ लगाता दिखेगा।