ओडिशा में गुरुवार को विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सात और राजनीतिक दलों द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की घटना में इंसाफ न मिलने पर आत्मदाह करने वाली कॉलेज छात्रा की मौत के विरोध में 12 घंटे के बंद की अपील की थी, जिससे सामान्य जनजीवन ठप्प हो गया।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हड़ताल शुरू हुए छह घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन राज्य के किसी भी हिस्से से हिंसा या अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि बंद का ज्यादातर असर परिवहन और व्यावसायिक क्षेत्रों पर पड़ा है। बंद से खदानों से कोयला और खनिज परिवहन प्रभावित हुआ, लेकिन अंगुल में नाल्को, राउरकेला में राउरकेला स्टील प्लांट और दूसरे प्रमुख उद्योगों में कामकाज सामान्य रहा।
एक और अधिकारी ने बताया कि पारादीप बंदरगाह पर भी गतिविधियां सामान्य रहीं। भुवनेश्वर, कटक और राज्य के कई हिस्सों में सड़कें वीरान रहीं, जबकि पटरियों पर धरना देने के कारण कुछ जगहों पर रेल सेवाएं प्रभावित हुईं। पूर्व तटीय रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को पटरियों से हटाने के बाद, कुछ ट्रेनें, जिन्हें सुबह रोक दिया गया था, फिर शुरू हो गईं।
पूर्व तटीय रेलवे के अधिकारी ने आगे बताया कि प्रदर्शनों के कारण सुबह छह बजे से कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। राज्य भर में लगभग सभी जगहों पर बाजार, स्कूल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि, एम्बुलेंस, अस्पताल, दूध की दुकानें जैसी जरूरी सेवाओं के संचालन पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य की राजधानी में कई मुख्य सड़कों पर नाकाबंदी की, बीजेपी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बालासोर में मृतक कॉलेज छात्रा के लिए इंसाफ की मांग की। कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआईएम (एमएल), फॉरवर्ड ब्लॉक, आरजेडी, एसपी और एनसीपी के नेता बंद को लागू कराने के लिए अपनी-अपनी पार्टी के झंडे लेकर सड़कों पर उतरे। मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी के आवास के पास सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेस समर्थकों के बीच हाथापाई हुई।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने जिन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया उनमें ओपीसीसी अध्यक्ष भक्त चरण दास और पार्टी के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू भी शामिल थे। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता राम चंद्र कदम ने आरोप लगाया, "हम लोगों से बंद का समर्थन करने का अनुरोध कर रहे हैं, क्योंकि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ओडिशा में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। राज्य में हर दिन कम से कम 15 महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहा है और सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है।"
विपक्षी दलों ने बाज़ारों, परिवहन, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों और बैंकों के अधिकारियों से बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया है। दास ने कहा, "भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में बंद शांतिपूर्ण ढंग से लागू किया जा रहा है और लोग उस मुद्दे का समर्थन कर रहे हैं जिसके लिए हम लड़ रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे स्टेशनों पर धरना प्रदर्शन जारी है।
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर फंसे लोगों को हो रही असुविधा के बारे में पूछे जाने पर, दास ने कहा, "हम लोगों के साथ हैं और उनसे सहयोग करने का अनुरोध कर रहे हैं। जिन लोगों को आपातकालीन जरूरत है, उन्हें आगे जाने दिया जा रहा है।"
कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा राज्य की राजधानी में पार्टी के झंडे लिए धरना देते हुए देखे गए। लल्लू ने दावा किया, "व्यापारियों, ट्रेड यूनियनों, पेट्रोल पंप कर्मचारियों समेत सभी वर्गों के लोगों ने बंद को अपना समर्थन दिया है।"
उन्होंने आगे कहा, "लोग उन परिस्थितियों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं जिनमें कॉलेज छात्रा ने आत्मदाह किया। पीड़िता ने एक हफ्ते से ज्यादा समय तक विधायकों, सांसदों, कॉलेज प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। ये आत्महत्या नहीं, बल्कि संस्थागत हत्या है। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक माझी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस्तीफा नहीं दे देते।"
सीपीआई(एम) के राज्य सचिव सुरेश पाणिग्रही ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा, "बीजेपी सरकार में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं, इसलिए हम सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। पीड़िता ने सभी से गुहार लगाई, लेकिन उसकी बात अनसुनी कर दी गई। अब ओडिशा के लोग बंद लागू कर रहे हैं।"
बंद के समर्थन में ओडिशा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने एहतियात के तौर पर राज्य भर के सभी पेट्रोल पंप सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक बंद रखे। राज्य सरकार ने बंद को देखते हुए सुरक्षा कड़ी कर दी। गृह विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को सड़क जाम, धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के मद्देनजर हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है और 12 घंटे के बंद के दौरान हिंसा के प्रति भी आगाह किया।
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस देव दत्ता सिंह ने कहा कि स्थिति पर नजर रखने के लिए प्रमुख स्थानों, बाजारों और सरकारी इमारतों पर एआई से लैस कैमरे और ड्रोन तैनात किए गए हैं। अधिकारी ने कहा, "एक केंद्रीय कमान सेटअप के माध्यम से स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।"