हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ सालों से बादल फटने और फिर अचानक बाढ़ आने की संख्या बढ़ गई है। इसकी वजह जानने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किया गया है। इस सिलसिले में वैज्ञानिकों और जानकारों की टीम ने गुरुवार को हाल में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित इलाकों का दौरा शुरू किया। टीम में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे और आईआईटी, इंदौर के जानकार शामिल हैं।
अध्ययन का मकसद प्राकृतिक आपदाओं में अचानक आई बढ़ोतरी कम करने के लिए असरदार उपाय तलाशना है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक राज्य में इस साल 20 जून को मानसून आने के बाद प्राकृतिक आपदाओं की वजह से सौ से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और करीब एक हजार दो सौ करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद हो गई है।