Breaking News

पीएम मोदी ने कतर के शेख से बात की, दोहा हमले पर जताई चिंता     |   Gen-Z आंदोलन के पीछे बड़ा षडयंत्र- अपदस्थ पीएम केपी ओली     |   एशिया कपः भारत ने टॉस जीतकर यूएई के खिलाफ गेंदबाजी का लिया फैसला     |   नेपाल: हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत, 1,033 घायल     |   कांकेर: मुठभेड़ में आठ लाख का इनामी नक्सली मासा मारा गया     |  

स्थानीय समुदायों पर हो रहा है धर्म आधारित आक्रमण, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का बड़ा दावा

Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कहा कि राज्य के आदिवासी समुदाय "एक धर्म" के लोगों से "आक्रमण" का सामना कर रहे हैं, जो विभिन्न इलाकों में ज़मीन पर अतिक्रमण कर वहां के जनसंख्या संतुलन को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अतिक्रमण हटाने की मुहिम, जिसके तहत 2021 से अब तक 1.19 लाख बीघा ज़मीन खाली कराई गई है, इस कथित प्रयास को रोकने के लिए एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन इस कथित प्रयास को अंजाम दे रहा है, लेकिन अधिकतर अतिक्रमण हटाए गए लोग बंगाली बोलने वाले मुस्लिम समुदाय के हैं।

सर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि अतिक्रमण हटाने की मुहिम के दौरान ये पाया गया कि अतिक्रमण करने वाले ज्यादातर लोग अपने गृह जिले में ज़मीन के मालिक होते हुए भी असम के अन्य हिस्सों में अवैध रूप से बसने आते हैं। सरमा ने दावा किया, "वनों का नाश एक बड़ा मुद्दा है। ये लोग यहां आकर उस इलाके की जनसंख्या बदलने की कोशिश करते हैं।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब ये लोग एक स्थान से दूसरे स्थान में बस जाते हैं, तो वे वहां वोटर लिस्ट में अपने नाम दर्ज करवा लेते हैं और जब उनकी संख्या हजारों में बढ़ जाती है, तो वे एक बड़ा वोट बैंक बन जाते हैं, जिसके कारण राजनीतिक नेता उनके अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करते। सरमा ने कहा, "यह सिर्फ ज़मीन का मुद्दा नहीं है, बल्कि असमियों को खत्म करने का एक जिहाद है... निचले और मध्य असम में जनसंख्या का बदलाव होने के बाद, अब यह ऊपरी असम में भी हो रहा है।"

मुख्यमंत्री ने ये भी आरोप लगाया कि इन अतिक्रमणकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा, "हम देखते हैं कि कहीं अचानक कांग्रेस के वोट बढ़ जाते हैं, और यदि हम इन बढ़े हुए वोटों की गणना करें, तो यह उसी जनसंख्या परिवर्तन के समान होगा।" सरमा ने कहा कि ये जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की है कि अतिक्रमणकर्ताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएं, क्योंकि उनके नाम पहले से ही उनके गृह जिले की वोटर लिस्ट में दर्ज होते हैं।

एक सवाल के जवाब में, जब पूछा गया कि क्या विशेष और गहन चुनावी पुनरीक्षण से अवैध प्रवासियों का पता चल सकता है, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संदर्भ में यह उपाय मददगार नहीं होगा। सरमा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), जो अभी तक अधिसूचित नहीं हुआ है, इस संदर्भ में कोई मदद नहीं करेगा क्योंकि कुछ क्षेत्रों में "सरकारी तंत्र की कमी" के कारण विदेशी लोगों के नाम इसमें शामिल होने की संभावना है।

सरमा ने कहा, "इस जनसंख्या परिवर्तन को रोकने का समाधान एक अडिग सरकार और नेतृत्व है, जो इन अतिक्रमणकर्ताओं को हटाने के लिए काम करेगा।" उन्होंने बताया कि 2021 में सरकार संभालने के बाद से अब तक 1,19,548 बीघा (160 वर्ग किमी) ज़मीन अतिक्रमण मुक्त की जा चुकी है। इसमें से 84,743 बीघा वन भूमि और 26,713 बीघा 'खास' या सामान्य सरकारी भूमि है।