उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के रसूलाबाद कस्बे में राम मंदिर में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। मंदिर में मूर्तियों को कथित तौर पर तोड़ने का आरोप पुजारी पर है। आरोप है कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर में सेवा करने की इजाजत नहीं दी गई थी। पुजारी वीरपाल सिंह भदुरिया ने आरोपों से इनकार किया और आरोप लगाया कि उन्होंने एक शख्स को भगते हुए देखा। वो हंगामा कर रहा था। जब तक कुछ समझ पाते वो मौके से फरार हो गया, इसीलिए उसका पीछा नहीं कर सके।
पुजारी वीरपाल सिंह भदुरिया ने कहा, जब मैं घर से बाहर आया, तो मैंने एक व्यक्ति को भागते हुए देखा। उसका पीछा करने के बजाय, मैंने मंदिर की ओर देखा। सभी मूर्तियां फर्श पर थीं। तब तक वो व्यक्ति भाग चुका था। मैंने फिर गांव के सभी लोगों को सूचित किया। ये सब पांच मिनट के अंदर हुआ। उन्होंने आगे बताया, मैं पिछले पांच साल से मंदिर में सेवा कर रहा हूं। ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। आम लोग मंदिर में आते रहे हैं और शांति से पूजा-पाठ करते रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि पिछले पांच साल से मंदिर की सेवा कर रहे वीरपाल सिंह भदुरिया ने संस्थापक श्री शिवराम से अयोध्या के राम मंदिर में सेवा करने की अनुमति मांगी थी। एक रात वीरपाल सिंह भदुरिया ने कथित तौर पर शराब के नशे में मंदिर में रखी मूर्तियों को धक्का देकर गिरा दिया और जिसके बाद अराजकता फैलाई। रसूलाबाद के मुख्य अधिकारी राजीव सिरोही ने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।